कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में आज तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा ने मीडिया से बात करते हुए बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि वो अब चीन लौटकर नहीं जाएंगे, उन्हें भारत पसंद है और यही उनका स्थायी निवास है। बता दें कि इससे पहले भी कई बार तिब्बती आध्यात्मिक गुरु कह चुके हैं कि वह […]
कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में आज तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा ने मीडिया से बात करते हुए बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि वो अब चीन लौटकर नहीं जाएंगे, उन्हें भारत पसंद है और यही उनका स्थायी निवास है। बता दें कि इससे पहले भी कई बार तिब्बती आध्यात्मिक गुरु कह चुके हैं कि वह चीन वापस नहीं लौटना चाहते हैं।
तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि चीन लौटने का कोई मतलब नहीं है। मैं भारत को पसंद करता हूं। कांगड़ा-पंडित नेहरू की पसंद, यह जगह मेरा स्थायी निवास है।
#WATCH चीन लौटने का कोई मतलब नहीं है। मैं भारत को पसंद करता हूं। कांगड़ा-पंडित नेहरू की पसंद, यह जगह मेरा स्थायी निवास है: दलाई लामा, कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश pic.twitter.com/BGiFQC8e48
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 19, 2022
बता दें कि अक्टूबर 1950 में चीन ने तिब्बत पर हमला करके तिब्बती सेना को हरा दिया था। जिसके बाद 1951 में तिब्बत ने चीन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया। इस समझौते के बाद तिब्बत पर चीन का कब्जा हो गया। चार साल बाद 1955 में तिब्बत में चीन के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन होने लगे। 1959 में राजधानी ल्हासा में हुए विरोध-प्रदर्शन को चीन ने सैन्य कार्रवाई कर बेरहमी से कुचल दिया। खबर थी कि चीन दलाई लामा को बंधक बनाना चाहता है। जिसके बाद दलाई लामा एक सैनिक का वेश धारण कर भारत चल आए। तब से लेकर अब तक वह यहीं पर रह रहे हैं।
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