नई दिल्ली: असम के नागांव जिले में गैंगरेप के एक आरोपी की तालाब में कूदने से मौत हो गई। धींग इलाके में हुए इस सामूहिक बलात्कार मामले में तफजुल इस्लाम नामक आरोपी पुलिस गिरफ्त से भागने की कोशिश कर रहा था और हड़बड़हट में तालाब में कूद गया। पुलिस के मुताबिक, वह घटना स्थल पर जांच के लिए ले जाया जा रहा था, जहां से भागते समय तालाब में डूब गया। काफी खोजबीन के बाद पुलिस और SDRF टीम ने तालाब से उसका शव बरामद किया। अभी दो आरोपी फरार हैं. इस बीच गांव वालों ने बड़ा फैसला किया है कि न तो आरोपी को श्मशान में दो गज जगह दी जाएगी और न ही उसके परिवार को कोई सपोर्ट करेगा.
आरोपी का शव मिलने के बाद गांव की महिलाओं में जबरदस्त गुस्सा है। उन्होंने कहा कि जब तक बाकी आरोपी गिरफ्तार नहीं हो जाते, उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। महिलाओं ने मांग की है कि बाकी आरोपियों को पकड़ा जाए और उन्हें सख्त सजा दी जाए। कुछ महिलाओं ने कहा कि आरोपियों को उनके हवाले किया जाए ताकि वे खुद उन्हें ऐसी सजा दें जिसे पूरी दुनिया याद रखे।
आरोपी की मौत के बाद उसका पोस्टमार्टम किया गया और शव परिवार को सौंप दिया गया। लेकिन गांव वालों ने आरोपी के परिवार का बहिष्कार कर दिया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि वे अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होंगे और उसे दफनाने के लिए कोई जगह नहीं देंगे। गांव के लोगों का कहना है कि ऐसे दरिंदों के लिए उनकी जमीन पर कोई जगह नहीं है।
TMC और BJP के बीच सियासी तकरार
इस घटना के बाद राजनीति गरमा गई है। टीएमसी नेता कुणाल घोष ने सोशल मीडिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि असम में बलात्कार के आरोपियों को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस घटना में बड़े नामों और प्रमुख नेताओं को बचाने के लिए ये पूरा खेल रचा गया है। घोष ने पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या ये इंसाफ है?
टीएमसी नेता के आरोपों का जवाब देते हुए असम के मंत्री पीयूष हजारिका ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि असम में न्याय मिलता है, जबकि बंगाल में ऐसी घटनाओं पर कोई कार्रवाई नहीं होती। उन्होंने जोर देकर कहा कि आरोपी भागने की कोशिश में मारा गया, इसमें पुलिस की गलती नहीं है। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि बाकी आरोपी भी जल्द ही पकड़े जाएंगे।
असम के नगांव जिले के ढिंग इलाके में एक 14 साल की नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप की दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। पीड़िता गुरुवार शाम ट्यूशन से लौट रही थी, जब मोटरसाइकिल पर सवार 3 आरोपियों ने उसे जबरन रोका और उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। घटना के बाद आरोपियों ने पीड़िता को बेहोशी की हालत में तालाब के पास सड़क किनारे फेंक दिया और वहां से फरार हो गए।
स्थानीय लोगों ने जब लड़की को देखा, तो तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, जबकि बाकी आरोपियों की तलाश जारी है। इस घटना के बाद इलाके में भारी आक्रोश फैल गया है। लोगों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए और आरोपियों की गिरफ्तारी तक अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा कर दी।
इस घटना ने न केवल कानूनी बल्कि सामाजिक बहस छेड़ दी. पश्चिम बंगाल के बाद असम में हुई हैवानियत को लेकर राजनीतिक दलों में तकरार बढ़ी। मामले में कानून अपना काम कर रहा है, वहीं समाज का गुस्सा और आरोपी के खिलाफ आक्रोश भी साफ नजर आ रहा है।
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