मुंबई। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का आज से महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में दिव्य दरबार सजेगा। इस दरबार में देश के कोने-कोने से करीब 1 लाख लोग शामिल होंगे। इस बीच कांग्रेस पार्टी ने बागेश्वर बाबा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने इसे लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ […]
मुंबई। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का आज से महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में दिव्य दरबार सजेगा। इस दरबार में देश के कोने-कोने से करीब 1 लाख लोग शामिल होंगे। इस बीच कांग्रेस पार्टी ने बागेश्वर बाबा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने इसे लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र भी लिखा है।
महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता बाबा धीरेंद्र शास्त्री के विरोध में उतर आए हैं। राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम की अनुमति नहीं देने का आग्रह किया है। पत्र में पोटेले ने लिखा है कि महाराष्ट्र एक प्रगतिशील राज्य है। इस राज्य में एक ऐसे व्यक्ति के लिए कोई जगह नहीं है जो अंधविश्वास फैलाता है। जानकारी के लिए बता दें कि, मुंबई के मीरा रोड स्थित सेंट्रल पार्क में आज से बाबा धीरेंद्र शास्त्री का दो दिनों का कार्यक्रम होना है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लिखे अपने पत्र में नाना पटोले ने आगे लिखा है कि बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ने संत तुकाराम महाराज का अपमान किया है। कांग्रेस पार्टी हिंदुओं का सम्मान करती है, लेकिन भाजपा का हिंदू तभी सामने आता है, जब उसके पाप सामने आने वाले होते हैं। आज महाराष्ट्र में किसान आत्महत्या कर रहे हैं, वे भी हिंदू हैं, भाजपा उन्हें क्यों नहीं बचा रही है? प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे लिखा कि धीरेंद्र शास्त्री ने तुकाराम का अपमान कर लाखों लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है।
कांग्रेस पार्टी द्वारा धीरेंद्र शास्त्री पर लगाए गए आरोपों को लेकर शिवसेना की शिंदे गुट की विधायक गीता जैन ने एक वीडियो संदेश जारी किया है। इस वीडियो में गीता जैन ने बाबा धीरेंद्र शास्त्री का बचाव किया है। उन्होंने कहा है कि धीरेंद्र शास्त्री ने संत तुकाराम पर दिए अपने बयानों को लेकर माफी मांग ली है, इसलिए इस बात को यहीं पर खत्म कर देना चाहिए। शिवसेना विधायक ने संत तुकाराम का उदाहरण देते हुए कहा कि जब उनके गांव के लोग उन्हें पागल कहते थे, तब भी संत तुकाराम ने उन्हें माफ कर दिया था।
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