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अनेकों दूल्हों की दावेदारी लगी हुई है… कोई फर्क नहीं पड़ेगा, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय

नई दिल्ली: एक ओर बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों के नेताओं का आना शुरू हो गया है तो दूसरी ओर बीजेपी भी विपक्षी महाजुटान पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है. इस समय भाजपा विपक्षी दलों पर कोई प्रधानमंत्री चेहरा ना होने के कारण जमकर निशाना साध रही है. जहां […]

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अनेकों दूल्हों की दावेदारी लगी हुई है… कोई फर्क नहीं पड़ेगा, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय
  • June 23, 2023 12:30 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली: एक ओर बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों के नेताओं का आना शुरू हो गया है तो दूसरी ओर बीजेपी भी विपक्षी महाजुटान पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है. इस समय भाजपा विपक्षी दलों पर कोई प्रधानमंत्री चेहरा ना होने के कारण जमकर निशाना साध रही है. जहां नीतीश कुमार की अगुवाई में बिहार के पटना में हो रही इस बैठक को बिन दूल्हे की बरात करार दिया गया है. इसी कड़ी में विपक्षी पार्टियों के नेता भी लगातार भाजपा पर पलटवार कर रहे हैं.

 

भाजपा ने फिर किया हमला

अब केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने विपक्षी बैठक को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि पटना की सड़कों पर अनेकों दूल्हों की दावेदारी लगी हुई है। दूल्हा कौन है यह तो साफ समझ आ गया है कि वहां कोई दावेदारी ही नहीं है…विपक्ष एक साथ लड़े या न लड़े उससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। 2024 में जनता मोदी जी को ही फिर से प्रधानमंत्री बनाएगी।

डिप्टी सीएम ने बताया फ्लॉप शो

नित्यानंद राय के अलावा उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी विपक्ष की बैठक को लेकर निशाना साधा है. लखनऊ में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, विपक्षी गठबंधन बुरी तरह से फ्लॉप शो साबित होगा और भाजपा ही 2024 में आएगी।

 

कांग्रेस बनाम क्षेत्रीय दल की लड़ाई

हालांकि विपक्षी दलों के बीच भी आपसी खटपट रही है जहां ममता कांग्रेस को पसंद नहीं करती वहीं KCR और कांग्रेस के बीच आपसी खटपट है. दो दिनों पहले ही भाजपा के साथ-साथ केजरीवाल कांग्रेस को भी दो-चार सुना चुके हैं. लेकिन – ‘दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है’ वाली फिलॉसॉफी के बाद सभी एक साथ दिखाई दे रहे हैं. विपक्षी दलों के सामने भी पीएम चेहरे को लेकर बड़ी चुनौती होगी क्योंकि भाजपा के सामने टिकने के लिए उन्हें किसी बड़े पीएम चेहरे को मैदान में उतारना होगा जिसके नाम पर सभी विपक्षी दलों में आपसी सहमति बने.

 

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