कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान कहा था कि राफेल डील पर उनकी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मैंक्रो से बातचीत हुई थी और उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के बीच विमानों की कीमत सार्वजनिक करने को लेकर कोई समझौता नहीं हुआ है.
नई दिल्ली. संसद में राफेल डील मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष के बयान को फ्रांस द्वारा झुठलाए जाने के बाद राहुल गांधी ने टिप्पणी की है. राहुल ने कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं और फ्रांस को उनके बयान का खंडन करना है तो करे. राहुल गांधी ने कहा कि उस वक्त मेरे साथ पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और कांग्रेस नेता आनंद शर्मा भी थे.
दरअसल राहुल गांधी ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि उनकी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से दिल्ली में मुलाकात हुई थी, जहां उन्होंने कहा था कि भारत और फ्रांस के बीच राफेल विमानों की कीमत बताने को लेकर कोई सीक्रेट डील नहीं हुई है. इसी मुद्दे पर फ्रांस ने उनके बयान को झुठलाते हुए कहा कि भारत और फ्रांस के बीच साल 2008 में सुरक्षा समझौता हुआ था, जिसके तहत दोनों देश एक दूसरी की खुफिया जानकारी लीक नहीं करेंगे. यह प्रावधान 36 राफेल विमानों और हथियारों की खरीद पर भी लागू होंगे. फ्रांस ने कहा कि राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने एक भारतीय न्यूज चैनल से बातचीत में कहा था कि राफेल डील बहुत संवेदनशील है और हम पूरी जानकारी साझा नहीं कर सकते.
संसद में राहुल ने कहा था कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने उनसे कहा था कि राफेल लड़ाकू विमान की कीमतें सार्वजनिक करने पर भारत से कोई समझौता नहीं हुआ है. पीएम नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने देशवासियों से झूठ बोला है. भाषण में राहुल ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान प्रति विमान की कीमत 520 करोड़ रुपये थी, लेकिन पीएम मोदी फ्रांस गए और कुछ ‘जादुई’ ताकत के बाद कीमत 1600 करोड़ रुपये हो गई. राहुल ने कहा, निर्मला सीतारमण यहां है. उन्होंने कहा था कि वह कीमत के बारे में बताएंगी, लेकिन साफ तौर पर उन्होंने बताया कि वह ऐसा नहीं कर सकती क्योंकि फ्रांस और भारत सरकार के बीच गोपनीय समझौता हुआ है.
अविश्वास प्रस्ताव: राफेल मामले पर राहुल के दावे को फ्रांस ने बताया झूठ, कहा- जानकारी नहीं दे सकते