नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने योजना आयोग के पूर्व सदस्य एन के सिंह को 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया है. ऐसे में एन के सिंह पर आयोग की अन्य जिम्मेदारियों के अलावा जीएसटी के केंद्र और राज्य की पूंजी पर असर के आकलन की भी जिम्मेदारी होगी. बता दें हाल ही में 76 साल के एन के सिंह को फिस्कल कंसॉलिडेशन फ्रेमवर्क तय करने वाली समिति का अध्यक्ष बनाया गया.
बता दें कि बीते 23 नवंबर को ही 15वें वित्त आयोग को मंजूरी दी गई है. ये आयोग अप्रैल 2020 से 2025 तक केंद्र और राज्य सरकारों के बीच टैक्स राजस्व के बटवारे के सूत्र तय करेगा. इस आयोग के अन्य सदस्यों में पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अशोक लहरी, नीती आयोग के सदस्य रमेश चन्द, पूर्व इकोनामिक सचिव शक्तिकांत दास और जार्जटाउन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अनूप सिंह शामिल हैं. वित्त आयोग संवैधानिक संस्था है जिसे संविधान के आर्टिकल 280 के तहत बनाए गए 15वें वित्त आयोग के लिए सरकार ने 10 करोड़ का बजट तय किया है. ये आयोग 2019 तक अपनी सिफारिशें देगा, क्योंकि पिछले आयोग की सिफारिशें 2020 तक लागु हैं.
गौरतलब है कि नीति आयोग अब योजना आयोग की जगह ले चुका है और इसके भीतर ही केंद्र व राज्यों के बीच पूंजी का बंटवारा नये ढंग से किया जाएगा. ये आयोग कंसॉलिडेटेड फंड ऑफ इंडिया से सभी राज्यों को दिए जाने वाले ग्रांट के रूल्स भी तय करेगा. इसके अलावा ये आयोग वित्त, घाटे, ऋण स्तर व राजकोषीय अनुशास प्रयासों की स्थिति की समीक्षा करेगा.
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में 15वें वित्त आयोग के गठन को मिली मंजूरी
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