बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और बीजेपी के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. नीतीश कुमार से बीजेपी से 'सम्मानजनक' सीटें देने की मांग की है, जिसके कारण बीजेपी-जेडीयू गठबंधन में पहले से मौजूद खाई और भी चौड़ी हो सकती है.
पटना. जैसे जैसे लोकसभा चुनाव 2019 नजदीक आ रहे है वैसे वैसे बिहार में मौजूज बीजेपी- जेडीयू गठबंधन के बीच मतभेद देखने को मिल रहे हैं. बिहार के मुख्यमंत्री ने एक बार फिर से बीजेपी से उनकी पार्टी को सम्मानजनक सीटें देने की बात कही है, नीतिश कुमार की इस मांग से बीजेपी- जेडीयू गठबंधन के बीच मतभेद और भी गहरा सकते हैं. जेडीयू ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ‘बिहार प्लस’ योजना को आगे बढ़ाते हुए झारखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कुछ सीटों की अपेक्षा की है.
जेडीयू ने पहले से ही संकेत दिया है कि यदि भाजपा 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए अच्छी संख्या में सीट नहीं देती है तो गठबंधन तोड़ सकता है. बताया जा रहा है कि बीजेपी और जेडीयू के बीच 2019 के चुनावों के लिए सीट साझा करने पर बेचैनी बढ़ती जा रही है. दोनों पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग के लिए बातचीत अभी शुरू नहीं हुई है, लेकिन जेडीयू ने बिहार में 2019 के लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए “सीटों की सम्मानजनक संख्या” की मांग की है.
जेडीयू ने 200 9 की लोकसभा और 2010 के विधानसभा चुनावों में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए के प्रदर्शन की बीजेपी को याद दिलाया है. पार्टी ने पहले ही घोषित कर दिया है कि वह बिहार में एनडीए सहयोगियों के बीच सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. साथ ही बीजेपी अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र है अगर उसे सहयोगी की जरूरत नहीं है तो.
जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता के.सी. त्यागी ने कहा कि बीजेपी को बिहार में ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में लोकसभा चुनाव के दौरान नीतीश कुमार की अधिकांश सेवाएं लेनी चाहिए. उन्होंने कहा हमें बिहार में सीटों की सम्माननीय संख्या और झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे राज्यों में कुछ सीटें चाहिए.
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