नई दिल्लीः दिल्ली में आज यानी 29 दिसंबर को जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अहम बैठक हुई। बैठक में ललन सिंह ने जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव रखा। जिससे सर्वसम्मित से सभी सदस्यों ने मुहर लगा दी। जिसके बाद सीएम नीतीश कुमार ने एक बार फिर से 3 साल बाद जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की कमान संभाल ली है। बता दें कि इससे पहले ललन सिंह ने इस्तीफे की खबर को खारिज करते रहे थे। उन्होंने कहा था कि ये सब अफवाह है।
3 साल बाद फिर से अध्यक्ष पद की कुर्सी पर आसीन होने के बाद नीतीश कुमार एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। उन्होंने ऐलान किया है कि बिहार के तर्ज पर अन्य राज्यों में जाति आधारित जनगणना के लिए झारखंड से जनजागरण की शुरुआत करेंगे। सीएम नीतीश ने कहा कि हमारा एजेंडा बढ़ाना कांग्रेस की मजबूरी है।
बिहार के डिप्टी तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर नीतीश कुमार जेडीयू के अध्यक्ष बने हैं तो यह उनकी पार्टी का फैसला है। वे पहले भी जेडीयू के प्रमुख रह चुके हैं। वे अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, इसलिए अगर वे जदयू के अध्यक्ष बने हैं तो यह उनकी पार्टी अच्छी बात है।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि जहां तक मेरी जानकारी है कि ललन यादव ने तेजस्वी यादव को सीएम बनाने का सुझाव दिया था। लेकिन सीएम नीतीश कुमार ने इसे नहीं माना। उन्होंने कहा कि जब मैंने 2015 में इस्तीफा दिया था, तो मैंने कहा था कि अगर आपको लगता है कि मुझे सीएम बनाना एक बड़ी भूल थी तो तेजस्वी यादव को सीएम बनाना और भी बड़ी गलती होगी।
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि मैं नीतीश कुमार को बधाई देना चाहता हूं। यह जदयू का आंतरिक मामला है, हालांकि इसके चलते पार्टी में भ्रम और अविश्वास का माहौल है। इससे लोगों का भरोसा कम हुआ है और ये माहौल लोकतंत्र में किसी के लिए भी सही नहीं है।
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