Nitish Govt Reply to SC Admits Bihar Medical Services in ICU: मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार यानी एक्युट इंसेफलाइटिस सिंड्रॉम से हुई बच्चों की मौते के मामले पर बिहार की नीतिश कुमार सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर जवाब दिया. नीतीश सरकार ने बताया कि बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं के हालात खस्ताहाल हैं. राज्य के स्वास्थ्य विभाग में आधे से ज्यादा पद खाली हैं. बिहार में डॉक्टरों के 47 फीसदी और नर्स के 71 फीसदी पद खाली हैं. सुप्रीम कोर्ट मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से हुई बच्चों की मौत के मामले पर इस हफ्ते सुनवाई करेगा.
नई दिल्ली. बिहार के मुजफ्फरपुर में इंसेफ्लाइटिस यानी आम बोलचाल की भाषा में चमकी बुखार से बच्चों की मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जिसपर बिहार सरकार ने जवाब दाखिल किया है. सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बिहार सरकार ने माना है कि बिहार में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह चरमराई हुई है. सुशासन बाबू के राज में बिहार में स्वास्थ्य विभाग के सभी स्तरों पर 50 फीसदी पद खाली हैं. यही नहीं, बिहार सरकार ने हलफनामे में माना है कि स्वास्थ्य विभाग में 47 फीसदी डॉक्टरों की कमी है. इसके अलावा 71 फीसदी नर्सों के पद खाली हैं. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट इसी हफ्ते सुनवाई करेगा.
मंगलवार को शीर्ष अदालत में दाखिल हलफनामे में बिहार सरकार ने माना है कि राज्य की स्वास्थ्य सेवा खस्ता हालात में है. राज्य स्वास्थ्य विभाग में सभी स्तरों पर कम से कम 50 प्रतिशत पद रिक्त हैं. बिहार स्वास्थ्य विभाग में सभी स्तरों पर 50 प्रतिशत से ज्यादा पद रिक्त हैं. बिहार में डॉक्टरों की 47 प्रतिशत कमी है जबकि नर्सों के भी 71 फीसदी पद खाली हैं. नीतीश कुमार सरकार का कहना है कि राज्य में उपलब्ध मानव संसाधनों में भारी कमी है.
सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार ने कहा कि मुजफ्फरपुर समेत बिहार में चमकी बुखार यानी एक्युट इंसेफलाइडिस सिंड्रॉम से हुई बच्चों की मौतों के मामलवे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पूरी नजर थी. सरकार इस बीमारी पर काबू पाने के हर संभव प्रयास कर रही है. राज्य सरकार ने सामाजिक और आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर बेहतर पोषण मुहैया कराने का आदेश दिया.
गौरतलब है कि अब तक चमकी बुखार से मुजफ्फरपुर समेत पूरे बिहार में 155 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है. राज्य भर से एक्युट इंसेफलाइटिस सिंड्रॉम के 800 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. इस बीमारी का असर बिहार के 20 जिलों में देखा गया. इतने बच्चों की मौत होने के बाद राज्य की स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाओं के स्तर पर सवाल उठ रहे हैें. राज्य में विपक्षी पार्टियों के अलावा लोग सड़कों पर उतर कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ प्रदर्शन भी कर रहे हैं.