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नीतीश ने नहीं मानी बीजेपी की बात, खुलेआम कहा- मेरे से ये नहीं होगा! विपक्ष में खुशी की लहर

पिछले कुछ महीनों से बिहार में बीजेपी और जेडीयू नेताओं में तनातनी चल रही है। जेडीयू के कई नेताओं का कहना है कि उनकी पार्टी को विधानसभा चुनाव में अधिक सीटें मिलनी चाहिए. इस खींचतान के बीच जब नीतीश कुमार को भाजपा ने दिल्ली सीएम के शपथ ग्रहण में आने का न्योता दिया तो उन्होंने टका सा जवाब दे दिया.

Nitish Kumar-Modi-Shah
inkhbar News
  • February 18, 2025 7:01 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

पटना/नई दिल्ली। दिल्ली में चुनाव खत्म होने के बाद अब बिहार चुनाव को लेकर चर्चा तेज हो गई है। साल के आखिरी में बिहार में विधानसभा के चुनाव होंगे। इस बीच बिहार में चुनाव को लेकर सियासी पारा बढ़ चुका है। सत्ताधारी NDA गठबंधन के प्रमुख दल जेडीयू में चुनाव को लेकर हलचल तेज हो चुकी है।

नीतीश ने ठुकराया न्योता

इस बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से नीतीश कुमार को दिल्ली के नए सीएम के शपथ ग्रहण का न्योता भेजा गया है। हालांकि, नीतीश ने यह न्योता ठुकरा दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिहार के मुख्यमंत्री दफ्तर ने कहा है कि सीएम नीतीश इस हफ्ते कई कार्यक्रमों में व्यस्त हैं, जिसकी वजह से वह दिल्ली के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाएंगे।

मालूम हो कि पिछले कुछ वक्त से बिहार में बीजेपी और जेडीयू के नेताओं में तनातनी चल रही है। जेडीयू के कई नेताओं का कहना है कि उनकी पार्टी को विधानसभा चुनाव में ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए। जेडीयू के नेता बीजेपी पर दबाव बना रहे हैं कि उन्हें कम से कम 130 सीटें लड़ने के लिए मिलनी चाहिए। वहीं, बीजेपी के नेता जेडीयू को इतनी सीटें देने के पक्ष में नहीं हैं। बीजेपी और जेडीयू की इस तनातनी से विपक्ष काफी खुश नजर आ रहा है।

पिछले चुनाव का प्रदर्शन

बता दें कि 2020 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने भले ही बीजेपी से पांच सीटें ज्यादा 115 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उसका प्रदर्शन भाजपा की तुलना में काफी खराब रहा था। भाजपा ने जहां 110 सीटों पर चुनाव लड़कर 74 पर जीत हासिल की थी। वहीं, जेडीयू सिर्फ 43 विधानसभा सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई थी। ऐसे में इस बार जेडीयू का ज्यादा सीटें मांगना बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है।

नीतीश पर निर्भर बीजेपी

गौरतलब है कि केंद्र की सत्ता का नेतृत्व कर रही बीजेपी के पास इस वक्त 240 लोकसभा सांसद हैं। इसके अलावा एनडीए में शामिल बीजेपी के सहयोगियों के पास 53 सांसद हैं, जिसमें चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी के पास 16 और नीतीश कुमार की जेडीयू के पास 12 सांसद हैं। इन दोनों क्षेत्रीय दलों पर मोदी सरकार की निर्भरता कुछ ज्यादा ही है, क्योंकि इनके हटने पर एनडीए की संख्या 265 पर पहुंच जाती है, जो बहुमत- 272 से 7 कम है।

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