नीति आयोग की एक बैठक में हिस्सा लेकर लौट रहे पीएम मोदी के काफिले के कारण परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की कार को रोक दिया गया. तभी वे कार से उतरकर पैदल ही दफ्तर चल दिए. ऐसे में कुछ दूर पर पुलिस ने उन्हें पैदल जाने से भी रोक दिया. हालांकि बाद में पहचान कर पुलिस अधिकारी ने उन्हें जाने की इजाजत दे दी.
नई दिल्ली. बुधवार को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को संसद भवन के पास स्थित अपने दफ्तर तक पैदल जाना पड़ा. दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीति आयोग की एक बैठक में हिस्सा लेकर लौट रहे थे तभी रेड क्रॉस मुख्यालय के सामने यहां से गुजरने वाले सभी वाहनों को रोक दिया गया. इतना ही नहीं इस दौरान पैदल जाने वाले लोगों को भी पूरी तरह रोक दिया गया था. इस बीच अपने कार्यालय जा रहे गडकरी की कार को भी रूकी गई. ऐसे में जब वे कार से उतरकर पैदल ही चल पड़े तो थोड़ी दूर पर पुलिसकर्मियों ने उन्हें पैदल जाने से भी रोक दिया. तब नितिन गडकरी वहीं खड़े हो गए. इतने में एक पुलिस अधिकारी ने उन्हें पहचान लिया लेकिन जब तक वह उनसे कुछ पूछता तब तक गडकरी ने बहुत ही शालीनता से पूछ लिया कि उनका ऑफिस थोड़ा ही आगे है क्या वह जा सकते हैं. तब पुलिस कर्मियों ने उन्हें जाने दिया और कुछ दूर उन्हें छोड़ने के लिए साथ भी गए.
नितिन गडकरी इस बात को अपने स्वाभिमान से न जोड़कर चुपचाप आम व्यक्ति की तरह चलते बने. हालांकि कुछ देर बाद पीएम नरेंद्र मोदी का काफिला निकल गया तो रास्ता खोल दिया गया और राहगीर निकले तब तक गडकरी अपने ऑफिस पहुंच चुके थे. आम तौर पर किसी नेता तो इस तरह सड़क पर चलते नहीं देखा जाता. ऐसे में ये मजेदार वाक्या देखकर आस पास के लोगों ने भी गडकरी की इस सादगी की खूब तारीफ की. नितिन गडकरी के इस स्वभाव की बहुत चर्चा हो रही है.
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