नई दिल्ली: पिछले 9 वर्षों के दौरान देश में गरीबी जनसंख्या अनुपात में भारी गिरावट आई है. नीति आयोग (NITI Aayog Report) की ताजा रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. बता दें कि आज नीति आयोग ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसके मुताबिक पिछले 9 सालों (2013-14 से 2022-23 तक) में कुल 24.82 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले हैं. 2013-14 में जो गरीबी कुल संख्या अनुपात 29.17 प्रतिशत थी, वह 2022-23 में घटकर 11.28 प्रतिशत हो गई.
क्या है बहुआयामी गरीबी?
नीति आयोग (NITI Aayog Report) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 9 सालों में बहुआयामी गरीबी में गिरावट आई है. बता दें कि बहुआयामी गरीबी किसी व्यक्ति के आर्थिक स्थिति के साथ ही उसके जीवन और कल्याण को प्रभावित करने वाले स्वास्थ्य, शिक्षा एवं जीवन स्तर के परस्पर संबंधित अभावों को मापता है. आसान भाषा में समझें तो यह मापता है कि एक व्यक्ति इन सभी मोर्चों पर कितना मजबूत हुआ है. इसे ही बहुआयामी गरीबी से बाहर निकलना माना गया है.
जानकारी दे दें कि बहुआयामी गरीबी को 12 मापदंडों पर मापा जाता है, जो हैं-
- पोषण
- बाल और किशोर मृत्यु दर
- मातृत्व स्वास्थ्य
- स्कूली शिक्षा के वर्ष
- स्कूल में उपस्थिति
- खाना पकाने का ईंधन
- स्वच्छता
- पीने का पानी
- बिजली
- आवास
- संपत्ति
- बैंक खाते
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