नीति आयोग का हुआ पुनर्गठन, सहयोगी दलों सहित यें केंद्रीय मंत्री होंगे शामिल

Niti Ayog: नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने मंगलवार को नीति आयोग का पुनर्गठन किया, जिसमें चार पुराने सदस्य और 15 केंद्रीय मंत्री शामिल हैं। नए आयोग में भाजपा सहयोगी दलो के मंत्रियों को भी जगह मिली है। आयोग के आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीति आयोग के अध्यक्ष और अर्थशास्त्री […]

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नीति आयोग का हुआ पुनर्गठन, सहयोगी दलों सहित यें केंद्रीय मंत्री होंगे शामिल

Neha Singh

  • July 17, 2024 9:31 am Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

Niti Ayog: नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने मंगलवार को नीति आयोग का पुनर्गठन किया, जिसमें चार पुराने सदस्य और 15 केंद्रीय मंत्री शामिल हैं। नए आयोग में भाजपा सहयोगी दलो के मंत्रियों को भी जगह मिली है।

आयोग के आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीति आयोग के अध्यक्ष और अर्थशास्त्री सुमन के बेरी इसके उपाध्यक्ष बने रहेंगे। आपको बता दें कि इस बार कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पदेन सदस्य का पद मिला है।

आयोग में सहयोगी दल भी शामिल

पुनर्गठित नीति आयोग में विशेष आमंत्रित सदस्य केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (सड़क परिवहन और राजमार्ग), जगत प्रकाश नड्डा (स्वास्थ्य), एच डी कुमारस्वामी (भारी उद्योग और इस्पात), जीतन राम मांझी (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम), राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह (मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी) और चिराग पासवान (खाद्य प्रसंस्करण उद्योग) होंगे।

अन्य विशेष आमंत्रित सदस्य केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार (सामाजिक न्याय और अधिकारिता), किंजरापु राममोहन नायडू (नागरिक उड्डयन), जुएल ओराम (जनजातीय मामले), अन्नपूर्णा देवी (महिला और बाल विकास), और राव इंद्रजीत सिंह (सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन) होंगे।

क्या है नीति आयोग?

नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया, जिसे ‘नीति आयोग’ के नाम से जाना जाता है, का गठन 2015 में किया गया था, जब मोदी सरकार ने 65 साल पुराने योजना आयोग को खत्म करने का फैसला किया था। नीति आयोग को राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और रणनीतियों को बनाने का काम सौंपा गया है, सहकारी संघवाद के सिद्धांतों को अपनाते हुए, परिषद अंतर-क्षेत्रीय, अंतर-विभागीय और संघीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करती है, जिससे राष्ट्रीय विकास एजेंडे के कार्यान्वयन में तेजी आती है।

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