प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितम्बर 2014 को मेक इन इंडिया की शुरूआत की थी. इसका उद्देश्य भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाकर रोजगार के नए अवसर पैदा करना है. नीति आयोग का दावा है कि इस योजना से 2020 तक रोजगार के 10 करोड़ नए अवसर पैदा होंगे.
नई दिल्ली. नीति आयोग के महानिदेशक डीएमईओ और सलाहकार अनिल श्रीवास्तव ने दावा किया है कि भारत सरकार की फ्लैगशिप योजना ‘मेक इन इंडिया’ साल 2020 तक 10 करोड़ नए रोजगार पैदा करेगी. कौशल विकास के जरिए नौकरी के सृजन के उद्देश्य से शुरू की गई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की इस योजना से लोगों को काफी उम्मीदें हैं. श्रीवास्तव ने कहा कि हम रेवोल्युशन के दौर से गुजर रहे हैं. इसमें तकनीक के इस्तेमाल की अहम भूमिका है. सरकार की महत्वपूर्ण योजना मेक इन इंडिया के जरिए हम 2020 तक 10 करोड़ नए रोजगार सृजित करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले कुछ सालों में स्टार्ट अप इंडिया जैसी योजनाओं के जरिए देश में निवेश की नई संभावनाएं तलाशने की कोशिश की है. सरकार मेक इन इंडिया प्रोग्राम के माध्यम से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर फोकस कर रही है. ऐसे में अगले कुछ महीनों में रोजगार के काफी नए अवसर पैदा होने की संभावना है. मेक इन इंडिया के जरिए सरकार भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना चाहती है. सरकार के इन्हीं प्रयासों के तहत पिछले दो साल में 107 नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स स्थापित की गई हैं. कुछ अन्य यूनिट्स लाइनअप में हैं.
श्रीवास्तव ने कहा कि प्लेसमेंट फर्मों का अनुमान हैकि मैन्युफैक्चरिंग, इंजिनियरिंग और इनसे जुड़े सेक्टर्स में तेजी आएगी. अगले एक साल में तकरीबन 7.2 लाख अस्थाई नौकरियां सृजित होंगी. इन फर्मों का दावा है कि इसके साथ ही ई-कॉमर्स और इंटरनेट सेक्टर से जुड़ी जॉब्स में हायरिंग को लेकर भी इजाफा हुआ है.
बता दें कि मेक इन इंडिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की महत्वपूर्ण योजना है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 सितम्बर 2014 को इस योजना की शुरूआत की थी. हालाकि जिस लक्ष्य के साथ इसकी शुरूआत की गई थी वह उस स्तर का नजर नहीं आया. लोगों को रोजगार के अवसर सृजन करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है.