Budget 2022: बजट से पहले वित्त मंत्री की अहम प्रेस कांफ्रेंस, इन मुद्दों पर बड़े ऐलान संभव

Budget 2022 नई दिल्ली. Budget 2022 केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मलना सीतारमण ने बजट से पहले दिल्ली के मीडिया सेंटर में एक अहम प्रेस कोंफ्रेंन्स की है. बजट से पहले इस कांफ्रेंस को बहुत अहम माना जा रहा है. निर्मला सीतारमण बजट से पहले सभी सलाहकारों के साथ बात कर रही है और उन चीजों को […]

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Budget 2022: बजट से पहले वित्त मंत्री की अहम प्रेस कांफ्रेंस, इन मुद्दों पर बड़े ऐलान संभव

Girish Chandra

  • January 18, 2022 5:14 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

Budget 2022

नई दिल्ली. Budget 2022 केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मलना सीतारमण ने बजट से पहले दिल्ली के मीडिया सेंटर में एक अहम प्रेस कोंफ्रेंन्स की है. बजट से पहले इस कांफ्रेंस को बहुत अहम माना जा रहा है. निर्मला सीतारमण बजट से पहले सभी सलाहकारों के साथ बात कर रही है और उन चीजों को 1 फ़रवरी को पेश होने वाले बजट में शामिल कर सकती है. वित्तीय मंत्री इस कांफ्रेंस में सरकार के एंट्रिक्स देवास मुद्दे पर पक्ष रख रही हैं. उन्होंने कहा कि देवास मल्टीमीडिया के लिक्विडेशन को बरकरार रखने वाला सरकार का फैसला सही है.

क्या है देवास का मामला

सुप्रीम कोर्ट ने 17 जनवरी को देवास मल्टीमीडिया और देवास एंप्लॉई मॉरीशस की एनसीएलटी के खिलाफ याचिका को रद्द कर दिया था,. देवास मल्टीमीडिया का साल 2005 में इसरो की वाणिज्यिक इकाई एंट्रिक्स के साथ एक समझौता हुआ था, जिसके तहत वह पट्टे पर एस- बैंड उपग्रह स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल कर मोबाइल फोनधारकों को मल्टीमीडिया सेवाएं मुहैया कराने वाली थी. लेकिन इस मामलें में धांधली के आरोप लगने के बाद वर्ष 2011 में इस सौदे को रद्द कर दिया गया था.

इस याचिका पर देवास मल्टीमीडिया ने मध्यस्थता की कार्रवाई शुरू की थी. इस मामलें से जुड़े सभी इन्वेस्टर्स ने भी अलग से इस मुड़े पर मध्यस्थता की कार्रवाई शुरू थी, जिसपर भारत को तीनो ही मामलों पर हार का सामना करना पड़ा था. भारत को इस देवास मल्टीमीडिया और देवास एंप्लॉई मॉरीशस की एनसीएलटी के सौदे को खत्म करने के लिए 1.3 अरब डॉलर का भुगतान करना था. उसी आदेश को अम्ल में लाने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मलना सीतारमण सरकार का पक्ष इस मुद्दे पर रख रही है और इस मुद्दे से जुड़े कई बातो को सामने रख रही है.

बता दें देवास मल्टीमीडिया का मकसद था कि वे सैटेलाइट का इस्तेमाल कर कम्युनिकेशन या यूं कहें कि मोबाइल पर बातचीत को बेहतर बनाना था. आज के समय में इसी तकनीक से जुड़े फायदे को एलन मस्क अपने स्टारलिंक के जरिए भारत में लागू करना चाह रहे हैं.

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