Nirmala Sitharaman Press Conference Live Updates: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सभी गरीब कल्याण योजना में EPF का 12 प्रतिशत नियोक्ता और कर्मचारी का अंशदान भारत सरकार देगी, पहले में इसे मार्च से मई के लिए दिया गया था, अब इसे अगले तीन महीनों यानी जून, जुलाई और अगस्त के लिए दिया जाएगा, इससे 2500 करोड़ की सहायता होगी. अगले 3 महीनों के लिए EPF योगदान संस्थानों और कर्मचारियों के लिए 12 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत किया जा रहा है, सभी कर्मचारी अपना और उपक्रम नियोक्ता अंशदान 10 प्रतिशत का दे सकेंगे, इससे उनके हाथ में आने वाली लिक्विडिटी बढाने में मदद मिलेगी.
नई दिल्ली: मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए एतिहासिक 20 लाख करोड़ रूपये के राहत पैकेज का एलान किया था उसी की विस्तृत जानकारी आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी. इस दौरान वित्त मंत्री ने बताया कि ये पैसा किन-किन क्षेत्रों को मिलेगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरूआत में कहा कि कई मंत्रालयों से लंबी चर्चा के बाद इस पैकेज का ढांचा बनाया गया है जिसकी मदद से भारत को आत्म निर्भर बनाना है. वित्त मंत्री ने कहा कि हम जो भी योजनाओं का ऐलान करेंगे वो सीधे लोगों तक पहुंचेगे. इस बीच वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम मोदी ने सबसे पहले गरीबों के लिए 1 लाख 70 हजार करोड़ रूपये का पैकेज दिया है.
वित्त मंत्री ने कहा कि छोटे उद्योगों (MSME) के लिए 6 बड़े कदम उठाए गए हैं. इनमें MSME को 3 लाख करोड़ रुपये बिना गारंटी के लोन दिया जाएगा. इसकी अवधि चार साल की होगी और ऐसे 45 लाख यूनिट हैं जिन्हें इसका सीधा फायदा होगा. वित्त मंत्री ने कहा कि एमएसएमई के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जिससे 2 लाख एमएसएमई को होगा फायदा.
वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना की वजह से परेशान एमएसएमई को कारोबार विस्तार के लिए 10,000 करोड़ रुपये के फंड्स ऑफ फंड के माध्यम से सहयोग दिया जाएगा. वित्त मंत्री ने कहा कि एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव किया गया है. अब ज्यादा टर्नओवर के बावजूद एमएसएमई का दर्जा खत्म नहीं होगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि अब से एक करोड़ के निवेश वाली कंपनियां माइक्रो यूनिट होंगी. उन्होंने ये भी कहा कि कारोबार ज्यादा होने पर भी एमएमएमई का फायदा मिलता रहेगा. वहीं मीडियम के लिए 20 करोड़ रुपये तक की निवेश सीमा होगी. हर तरह के सेक्टर में लगी एमएसएमई को योजना से फायदा होगा.