Nirmala Sitharaman on Recession, Mandi per Nirmala Sitharaman ka byaan: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दावा किया है कि भारत में मंदी नहीं है. उन्होंने कहा है कि देश में केवल विकास में कमी आई है. अर्थव्यवस्था की स्थिति पर बहस का जवाब देते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने माना कि विकास में कमी आई है, लेकिन अभी तक मंदी नहीं है या कभी मंदी नहीं हो सकती है. उन्होंने राज्यसभा में बुधवार को माना की विकास में कमी आ गई है.
नई दिल्ली. बुधवार को राज्यसभा ने अर्थव्यवस्था की स्थिति पर बहस की. विपक्ष ने आर्थिक मंदी के लिए सरकार पर निशाना साधा. इस दौरान राज्यसभा में अर्थव्यवस्था की स्थिति पर बहस का जवाब देते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने माना कि, अगर आप अर्थव्यवस्था को समझदारी से देख रहे हैं, तो आप देखते हैं कि विकास में कमी आई है, लेकिन यह अभी तक मंदी नहीं है, कभी मंदी नहीं होगी. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को और अधिक समर्थन की आवश्यकता है जो सरकार प्रदान कर रही है. राज्यसभा में बहस के दौरान उन्होंने यूपीए-2 और एनडीए-1 के कार्यकाल के आर्थिक आंकड़ों की तुलना की. उन्होंने बताया कि 2009-14 के अंत में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत थी जो 2014-19 के बीच 7.5 प्रतिशत रही. उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए सरकार के तहत 2019 के अंत में सर्विस रियल जीवीए बढ़कर 8.4 प्रतिशत हो गई.
बता दें कि शुक्रवार को सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़ों की घोषणा की जाएगी. इससे पहले वित्त मंत्री ने बताया कि कैसे यूपीए के दौरान रेमिटेंस 59 बिलियन डॉलर था जो एनडीए के तहत बढ़कर 67.2 बिलियन डॉलर हो गया. अर्थव्यवस्था पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, सरकार द्वारा उठाया गया हर कदम अर्थव्यवस्था के विकास की ओर है, अर्थव्यवस्था को बहुत अधिक समर्थन देना होगा. उन्होंने कहा कि, बैंकिंग क्षेत्र के लिए मान्यता, पुनर्कथन, संकल्प और सुधार किए जा रहे हैं. बैंकों द्वारा दिए गए प्रावधान का मतलब यह नहीं है कि वे कर्ज देना बंद कर रहे हैं. बैंकों के आउटरीच कार्यक्रम के तहत उधारकर्ताओं को 2.5 लाख करोड़ रुपये दिए गए थे.
वित्त मंत्री ने ये भी बताया कि दिवालियापन संहिता का परिणाम आ रहा है. उन्होंने कहा, इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड नतीजे देने वाला है और बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये का कैपिटल इनफ्यूजन किया गया है, जिससे लिक्विडिटी बढ़ी है. निर्मला सीतारमण के अर्थव्यवस्था पर बहस के दौरान ये जवाब देने पर कांग्रेस पार्टी राज्यसभा से बाहर चली गई. इससे पहले कांग्रेस ने अर्थव्यवस्था की स्थिति पर सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि यह सरकार के जागने का समय है, वास्तविक आंकड़ों पर ध्यान दें और समस्या को ठीक करने के लिए कार्य करें.
Also read, ये भी पढ़ें: 7th Pay Commission: सातवें वेतमान के तहत इन कर्मचारियों के TA में होगा बंपर इजाफा, न्यूनतम वेतन पर जल्द होगा फैसला