Nirmala Sitharaman on PMC Bank Scam, PMC Bank Ghotale per Nirmala Sitharaman ka byaan: पीएमसी बैंक घोटाले पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खाताधारकों से मुलाकात की. उन्होंने कहा है कि इस मामले में भारतीय रिजर्व बैंक, आरबीआई कार्रवाई कर रहा है और इस समस्या का हल जल्द ही मिलेगा. वित्त मंत्री ने कहा कि बैंक चलाने वाली बहु-राज्य सहकारी समितियां आरबीआई द्वारा विनियमित होती हैं और केंद्रीय बैंक पीएमसी बैंक के मामले में मामलों की देखभाल करता है. इसके अलावा, उन्होंने कहा कि सरकार आरबीआई से अनुरोध करेंगी कि जमाकर्ताओं को अपना पूरा पैसा वापस लेने की अनुमति दें.
नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए संकटग्रस्त पंजाब और महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक ऑफ स्पीडी रेजोल्यूशन के जमाकर्ताओं को आश्वासन दिया कि आरबीआई इस मामले को देख रहा है और आवश्यकतानुसार उचित कार्रवाई करेगा. प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले नरीमन प्वाइंट पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भाजपा कार्यालय पहुंचीं और उस समय पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक के जमाकर्ता पार्टी कार्यालय के बाहर विरोध कर रहे थे. इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक के जमाकर्ताओं के बीच एक बैठक हुई. निर्मला सीतारमण ने बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा, वित्त मंत्रालय का सीधे पीएमसी बैंक मामले से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि आरबीआई इसका नियामक है. लेकिन मेरी ओर से, मैंने अपने मंत्रालय के सचिवों को ग्रामीण विकास मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय के साथ काम करने के लिए कहा है ताकि पता लगाया जा सके कि क्या हो रहा है.
उन्होंने कहा, मैंने मंत्रालय के सचिवों से इसका विस्तार से अध्ययन करने के लिए कहा है कि क्या हो रहा है. कमियों और जो हुआ उसको समझने के लिए आरबीआई के प्रतिनिधि भी होंगे. वे इसलिए भी होंगे, यदि आवश्यक हो, तो उन तरीकों को देखें जिनमें संबंधित अधिनियमों में संशोधन करना होगा. उन्होंने कहा, अगर संशोधन हमें दुर्भावनाओं पर अंकुश लगाने, उन्हें बेहतर विनियमित करने और हमें नियामक को बेहतर बनाने में हमारी मदद करने जा रहे हैं तो आरबीआई को बता दें कि हम इसे करना चाहते हैं.
वित्त मंत्री ने कहा, जो समूह इस पीएमसी बैंक मामले को देखेगा, उसके पास वित्त मंत्रालय के 2 सचिव होंगे. बैठक में आरबीआई के एक डिप्टी गवर्नर स्तर के अधिकारी भी होंगे, ताकि भविष्य में ऐसी चीजों को रोकने और नियामक को बेहतर तरीके से सशक्त बनाने के लिए हम आवश्यक विधायी कदम उठाए. इन उद्देश्यों के साथ यह समूह काम कर रहा होगा. ताकि यदि आवश्यक हो, तो संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में ही हम किसी भी विनियमन, किसी भी संशोधन को लाएंगे, जिसकी आवश्यकता हो सकती है.
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