Nirbhaya Gangrape Case Convicts Hang: चर्चित निर्भया गैंगरेप कांड में करीब सवा सात साल बाद आज इंसाफ मिला है. निर्भया के चारों दोषियों को आज तिहाड़ जेल के फांसी घर में सुबह करीब 5 बजकर 30 मिनट पर फांसी दी गई है. चारो दोषियों विनय, अक्षय, मुकश और पवन के शवों को दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया है. जहां पर डॉक्टर बीएन मिश्रा की आगवाई में पांच सदस्यीय डॉक्टरों की टीम निर्भया के चारों गुनहगारों के शवों का पोस्टमार्टम करेगी.
Nirbhaya Gangrape Case Convicts Hang: देश की राजधानी दिल्ली में वर्ष 2012 हुए चर्चित निर्भया गैंगरेप कांड में आज करीब सवा सात साल के बाद इंसाफ मिला है. तिहाड़ जेल के फांसी घर में शुक्रवार सुबह ठीक साढ़े पांच बजे निर्भया के चारों दोषियों को एक साथ फांसी पर लटका दिया गया. निर्भया के चारों दोषियों विनय, अक्षय, मुकेश और पवन गुप्ता के शवों को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया जाएगा. निर्भया के इन चारों दोषियों ने फांसी से बचने के लिए कई सारे रास्ते अपनाए. लेकिन आखिरी जीत निर्भया की हुई.
ताजा जानकारी के मुताबिक चारों दोषियों के शवों का थोड़ी देर में दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में पोस्टमार्टम होगा. दो एंबुलेंस में चारों दोषियों के शवों को अस्पताल लाया गया है. डॉक्टर बीएन मिश्रा की आगवाई में डॉक्टरों का पांच सदस्यीय टीम दोषियों के शवों का पोस्टमार्टम करेगी. डीजी तिहाड़ जेल के मुताबिक फांसी से पहले निर्भया के चारों दोषियों में किसी भी ने अंतिम इच्छा जाहिर नहीं की.
बता दें कि 16 दिसंबर 2012 को राजधानी दिल्ली में हुई इस घटना पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. देश के सभी शहरों की सड़कों पर युवाओं का सैलाब इंसाफ मांगने के लिए निकला था और आज करीब सवा सात साल बाद उन्हें इंसाफ मिला है. निर्भया की मां आशा देवी ने दोषियों को फांसी की सजा दिलाने के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी है. आज जब दोषियों को फांसी दी गई हैं तो उन्होंने 20 मार्च 2020 के दिन को निर्भया दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया है. आशा देवी का कहना है कि वह अब देश निर्भया जैसी दूसरी बेटियों की लड़ाई लड़ेंगी.
निर्भया गैंगरेप कांड के चारों गुनहगारों को बचाने के लिए आखिरी वक्त पर फांसी टालने की कोशिश की गई है. दोषियों के वकील एपी सिंह ने फांसी के एक दिन पहले दिल्ली हाई कोर्ट में डेथ वारंट को टालने के लिए एक याचिका दायर की. लेकिन अदालत ने दोषियों के खिलाफ फैसला सुनाया. आधी रात को वकील एपी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और जब अदालत बैठी तो वह वहां भी निर्भया के दोषियों के बचाव में कुछ ऐशी दलील नहीं दे पाए जिससे उनकी फांसी टाली जा सके.