Nirbhaya Convicts Dummy Execution: निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी देने से पहले तिहाड़ जेल में होगी फांसी की रिहर्सल

Nirbhaya Convicts Dummy Execution: निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी को असल फांसी देने से पहले तिहाड़ जेल में फांसी की रिहर्सल की जाएगी. तिहाड़ जेल अधिकारी 22 जनवरी को चारों दोषियों को फांसी से पहले आने वाले दिनों में निर्भया गैंगरेप के दोषियों की फांसी की एक डमी प्रैक्टिस करेंगे. ये आज होने की संभावना है. चारों आरोपियों के लिए मंगलवार को डेथ वॉरंट जारी कर दिया गया है. कहा जा रहा है कि फांसी के लिए जल्लाद को उत्तर प्रदेश की जेल से बुलाया जा रहा है.

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Nirbhaya Convicts Dummy Execution: निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी देने से पहले तिहाड़ जेल में होगी फांसी की रिहर्सल

Aanchal Pandey

  • January 8, 2020 12:58 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. तिहाड़ जेल अधिकारी 22 जनवरी को निर्भया दोषियों की फांसी से पहले आने वाले दिनों में निर्भया गैंगरेप के दोषियों को फांसी देने की एक डमी प्रैक्टिस करेंगे. इससे पहले ये आज होने वाली थी. डमी फांसी जेल 3 में आयोजित किया जाएगा, जिस स्थान पर उन्हें 22 जनवरी को दोषियों को फांसी दी जाएगी. तिहाड़ जेल प्रशासन ने एक बयान में कहा, तिहाड़ आने वाले दिनों में डमी फांसी करने के लिए तैयार है लेकिन ये आज नहीं होगा. यह जेल 3 में किया जाएगा, जहां फांसी होनी है. डमी फांसी के समय, पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता, अधीक्षक और अन्य जेल अधिकारी मौजूद रहेंगे.

बता दें कि निर्भया कांड के सभी चार दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल के जेल कक्ष 3 में फांसी दी जाएगी, उसी स्थान पर आतंकवादी हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी दी गई थी. अधिकारियों ने कहा कि उन्हें एक साथ फांसी दी जाएगी. दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया गैंगरेप मामले में मौत की सजा पाए सभी चार दोषियों के खिलाफ मौत का वारंट जारी कर दिया है. दोषियों – पवन गुप्ता, अक्षय, विनय शर्मा और मुकेश सिंह – को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी दी जाएगी. जल्लाद को उत्तर प्रदेश कारागार विभाग से बुलाया जाएगा.

जेल के एक सूत्र ने कहा, हमें अदालत का आदेश मिल गया है और उसके अनुसार चारों को फांसी देने की योजना बनाई जाएगी. दोषियों को अब अलग-अलग सेल में रखा जाएगा और अन्य कैदियों के साथ कोई बातचीत करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. डॉक्टरों की हमारी टीम उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नज़र रखने के लिए नियमित रूप से चिकित्सीय जांच करेगी. हम उनकी सुरक्षा का भी ध्यान रखेंगे. इस दौरान दोषियों के परिवार के सदस्य भी आ सकते हैं और उनसे मिल सकते हैं.

जिलाधिकारी के साथ अधीक्षक, उपाधीक्षक, चिकित्सा अधिकारी प्रभारी और निवासी चिकित्सा अधिकारी फांसी के समय मौजूद रहेंगे. यदि जिला मजिस्ट्रेट नहीं आ सकता है, तो अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट उपस्थित होंगे. यदि दोषी चाहे तो अपराधी के विश्वास के पुजारी को अनुमति दी जा सकती है. दोषियों के रिश्तेदारों को फांसी के दौरान मौजूद रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी. फांसी के समय वहां में दस कॉन्स्टेबल या वार्डर और दो हेड कॉन्स्टेबल या हेड वार्डर उपस्थित होंगे. अन्य सभी जेल के कैदी तब तक बंद रहेंगे जब तक कि सजा पूरी नहीं हो जाती और जेल से शव बाहर नहीं आ जाते.

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