दिल्ली में ऑड-ईवन का फॉर्मूला पर बड़ा फैसला सुनाते हुए दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है. एनजीटी ने कहा है कि जब जब PM 10 जब 500 से ज्यादा हो और 2.5 जब 300 से ज्यादा हो तब तब ऑड-ईवन लागू होगा.
नई दिल्ली. दिल्ली में ऑड-ईवन का फॉर्मूला पर बड़ा फैसला सुनाते हुए दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है. एनजीटी ने कहा है कि जब जब PM 10 जब 500 से ज्यादा हो और 2.5 जब 300 से ज्यादा हो तब तब ऑड-ईवन लागू होगा. साथ ही टू व्हीलर्स को भी इसस छूट नहीं मिलेगी. वहीं 13 नवंबर से दिल्ली में ऑड-ईवन लागू होगा. आज की सुनवाई में NGT ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा, ऑड-ईवन पर जल्दबाजी क्यों? क्या ऑड-इवन पर LG की मंजूरी ली? आप वो आदेश दिखाइए जिसमे आपने ऑड इवन लागू करने का फैसला लिया. साथ ही राज्य सरकार ने किस आधार पर टू व्हीलर गाड़ियों को छूट दी है. कल एनजीटी ने दिल्ली सरकार को उन रिपोर्ट्स को एनजीटी के पास जमा कराने को बोला जिसके आधार पर दिल्ली सरकार ने इस स्कीम को लागू करने का फैसला किया. ऑड इवन मामले की सुनवाई कर रही एनजीटी की बैंच ने दिल्ली सरकार से शुक्रवार को सवाल किया था कि ‘कौन से आंकड़ों के आधार पर सिर्फ पांच दिन के लिए ऑड इवन स्कीम को लागू करने का फैसला लिया गया जबकि अब प्रदूषण कर हो रहा है जैसा की प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड की रिपोर्ट्स में कहा गया है.’
ऑड इवन मामले पर आज होने वाली सुनवाई के आधार पर एनजीटी फैसला करेगी कि इस स्कीम पर रोक लगाई जाए या नहीं. शुक्रवार को एनजीटी ने कहा था कि दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को रोकने के लिए समय रहते पर्याप्त कदम नहीं उठाए. एनजीटी ने दिल्ली सरकार से ये भी पूछा कि दिल्ली में होने वाले निर्माण कार्यों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए क्या कदम उठाए? दिल्ली सरकार से ये भी पूछा गया कि दिल्ली में नियमों का उल्लंघन करने वाले बिल्डरों पर सरकार ने क्या कार्रवाई की है. दूसरी तरफ मामले पर सुनवाई के चलते दिल्ली सरकार ने एनजीटी के निर्देशों पर किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने से साफ इनकार कर दिया.
आज इस मामले पर सुनवाई होनी है और इसके साथ ही दिल्ली सरकार ने कहा है कि प्रस्तावित स्कीम के दौरान यानी 13 नवंबर से 17 नवंबर तक लोग दिल्ली की डीटीसी बसों में यात्रा मुफ्त कर सकेंगे. दिल्ली सरकार का इसके पीछे तर्क है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने ये कदम उठाया है. फिलहाल दिल्ली की निगाहें एनजीटी की होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं. एनजीटी की सुनवाई के बाद ही ऑड इवन स्कीम का भविष्य तय हो पाएगा.
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