एनजीटी ने गुफा के पास के पूरे इलाके को साइलेंस जोन घोषित करने का सुझाव दिया है. एनजीटी ने कहा कि इससे बर्फीली वादियों में आने वाले एवलांच से भी बचा जा सकता है.
नई दिल्ली. 13 नवंबर को वैष्णो देवी मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 50 हजार तक सीमित करने के बाद अब एनजीटी ने अमरनाथ श्राइन बोर्ड को श्रद्धालुओं की सुविधाओं को लेकर फटकार लगाई है. एनजीटी ने कहा कि अमरनाथ गुफा के आसपास हिमस्खलन को रोकने के लिए गुफा में नारियल फोड़ने की परंपरा पर रोक लगाई जाए, साथ ही अमरनाथ गुफा के आसपास के इलाके को साइलेंट जोन घोषित किया जाए. एनजीटी ने अमरनाथ बोर्ड को लताड़ लगाते हुए पूछा कि उसने सुप्रीम कोर्ट के 2012 के आदेशों को लागू क्यों नहीं किया. जोकि अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को होने वाली परेशानी और पर्यावरण हितैषी उपायों को लेकर दिए गए थे.
इस दौरान एनजीटी ने पूछा कि अमरनाथ की पवित्र गुफा के आसपास के इलाके में मौजूद अतिरिक्त दुकानों और खुले शौचालयों को उन्होंने अभी तक बंद क्यों नहीं किया है? इसके बाद नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अमरनाथ की पर्यावरण सुरक्षा के लिए एक कमेटी भी नियुक्त की है. ये कमेटी पर्यावरण की सुरक्षा के अलावा यहां बुनियादी विकास को भी देखेगी. वातावरण प्रदूषण को देखते हुए एनजीटी ने कहा कि पवित्र गुफा के आसपास पूजा सामज्ञी के बचे सामान को नहीं फेंका जाए. साथ ही इस गुफा को हिमस्खलन से बचने के लिए अमरनाथ मंदिर के आसपास के क्षेत्र को ‘साइलेंस जोन’ घोषित करने का सुझाव भी दिया.
बता दें कि इससे पहले 13 नवंबर को एनजीटी ने आदेश दिया था कि माता वैष्णो देवी भवन में एक दिन में 50 हज़ार से ज्यादा लोग दर्शन नहीं कर सकते हैं. एनजीटी के आदेश के मुताबिक अगर श्रद्धालू ज़्यादा होंगे तो कटरा या अर्धकुमारी पर उन्हें रोक दिया जाएगा और फिर अगले दिन उन्हें दर्शन करने दिया जाएगा. एनजीटी ने आदेश में ये भी कहा है कि वैष्णो देवी भवन में फिलहाल कोई नया निर्माण कार्य भी नहीं होगा. एनजीटी माता वैष्णो देवी के हालात पर पहले से नजर बनाए हुए है. एनजीटी ने वैष्णो देवी श्राईन बोर्ड को 24 नवंबर से नया मार्ग खोलने का निर्देश दिया है.
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