दिल्ली प्रदूषण पर गंभीर दिख रही एनजीटी सख्ती बरत रही है. प्रदूषण कंट्रोल को लेकर एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिव्यूनल) ने कई कड़े फैसले सुनाए हैं. इसी सिलसिले में एनजीटी ने राज्यों से पॉल्यूशन कंट्रोल करने का एक्शन प्लान मांगा है. ऐसा न करने पर राज्य के मुख्य अधिकारी को पांच लाख का जुर्माना भरना होगा.
नई दिल्लीः प्रदूषण के कारण दिल्ली और आसपास के इलाकों में छाए स्मॉग पर एनजीटी सख्त दिख रही है. एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने यूपी, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा व दिल्ली से दो हफ्ते में एक्शन प्लान मांगा है. एनजीटी का कहना है कि पांचों राज्य दो हफ्तों में पॉल्यूशन कंट्रोल करने का एक्शन प्लान बताएं अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो राज्य के मुख्य अधिकारी की तनख्वाह से जुर्माना भरा जाएगा. बता दें कि राज्य का मुख्य अधिकारी वहां का मुख्य सचिव होता है. जुर्माने के तौर पर पांच लाख रुपये देना होगा. पिछले दिनों प्रदूषण के कारण दिल्ली व उसके आसपास इलाकों में स्मॉग छाया रहा था. जिससे सांस लेना भी दूभर हो गया था. प्रदूषण के बढ़े स्तर को लेकर एनजीटी ने काफी सख्ती दिखाई है.
इससे पहले दिल्ली प्रदूषण को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिव्यूनल ने सख्ती बरतते हुए दिल्ली सरकार से कहा था कि पहले की अपेक्षा स्मॉग कम हुआ है. एनजीटी ने कहा था कि दिल्ली में कंस्ट्रक्शन के काम पर लगी रोक हटाई जा सकती है, लेकिन अभी पराली और कूड़ा आदि जलाने पर रोक बनी रहेगी.
बता दें कि 16 नवंबर को भी एनजीटी ने दिल्ली के सभी सरकारी, निजी स्कूल और कॉलेजों के परिसरों में वर्षाजल संचयन प्रणाली लगाने का निर्देश दिया था. अगर कोई शिक्षण संस्थान आदेश की अनदेखी या अवहेलना करता है तो उसे पांच लाख का जुर्माना भरना होगा.जस्टिस स्वतंतर कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्कूलों और कॉलेजों को उसके द्वारा गठित समिति से संपर्क करने का भी निर्देश दिया था. दिल्ली में स्मॉग की समस्या के बाद से एनजीटी काफी सख्ती दिखा रही है.
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