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ज्ञानवापी केस में 26 मई को होगी अगली सुनवाई, दो अन्य प्रार्थना पत्र भी हुए दाखिल

वाराणसी: वाराणसी के जिला जज कोर्ट में आज ज्ञानवापी मस्जिद केस में सुनवाई हुई. इस मामलें में अब अगली सुनवाई 26 मई को होनी है. सोमवार को हुई सुनवाई में हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष ने अपनी-अपनी दलील दी. दो अन्य प्रार्थना पत्र भी हुए हैं दाखिल श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति […]

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ज्ञानवापी केस में 26 मई को होगी अगली सुनवाई, दो अन्य प्रार्थना पत्र भी हुए दाखिल
  • May 24, 2022 2:47 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

वाराणसी: वाराणसी के जिला जज कोर्ट में आज ज्ञानवापी मस्जिद केस में सुनवाई हुई. इस मामलें में अब अगली सुनवाई 26 मई को होनी है. सोमवार को हुई सुनवाई में हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष ने अपनी-अपनी दलील दी.

दो अन्य प्रार्थना पत्र भी हुए हैं दाखिल

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने भी जिला जज की अदालत में सोमवार को याचिका दाखिल की थी। पूर्व महंत के अनुसार, ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग की पूजा का अधिकार उन्हें दिया जाए। उनके पूर्वज अकबर के शासनकाल के समय से विश्वनाथ मंदिर में पूजा-पाठ का काम कर रहे हैं। अदालत ने पूर्व महंत की याचिका पर मंगलवार तक के लिए सुनवाई टाल दी थी।

सीआरपीसी की धारा 156-3 के तहत अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी सहित सात नामजद और 200 अज्ञात पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज करने के लिए एसीजेएम-5 की अदालत में सोमवार को प्रार्थना पत्र दिया था। आज मंगलवार को अदालत ने शपथ पत्र में दिए गए बयान पर सवाल उठाया। ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के दौरान स्वयंभू विश्वेश्वर के पाए जाने को व्यक्तिगत जानकारी होना बताया। अदालत के सवाल के बाद हरिशंकर पांडेय के अधिवक्ता बृजेश मिश्र ने पूरक शपथ पत्र देने की बात कही। अदालत ने कहा कि हम इस प्रकरण पर अब शाम के समय अपना आदेश सुनाएंगे।

8 हफ्ते में पूरी करनी है सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने बीती 20 मई को ज्ञानवापी केस को वाराणसी के जिला जज की कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया था। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने 51 मिनट चली सुनवाई में साफ शब्दों में कहा था कि मामला हमारे पास जरूर है, लेकिन पहले इसे वाराणसी के जिला जज की कोर्ट में सुना जाए। कोर्ट ने कहा था कि जिला जज 8 हफ्ते में अपनी सुनवाई पूरी करेंगे। तब तक 17 मई की सुनवाई के दौरान दिए गए निर्देश जारी रहेंगे।

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