न्यूज एक्स ने साल 2016 के नॉन पर्फोरमिंग एसेट के मामले में छानबीन के दौरान करीब 200 पन्नों की एक फाइल तैयार की है जिसमें डिफोल्टरों के नाम, पते इसके साथ ही 1406 कपंनियां और उनके ऊपर चल रहे करीब 1 हजार करोड़ के लोन का खुलासा हुआ है. ये सभी वे लोग हैं जिन्होंने बैंक से लोन के रूप में पैसा लेने के बाद वापस नहीं चुकाया है.
नई दिल्ली: हमारे साथी न्यूज एक्स ने साल 2016 के नॉन पर्फोरमिंग एसेट के मामले में छानबीन की तो चौंकाने वाले नतीजे सामने आए. दरअसल न्यूज एक्स की टीम को छानबीन के दौरान करीब 200 पन्नों की एक फायर तैयार हुई जिसमें डिफोल्टरों के नाम, पते इसके साथ ही 1406 कपंनियां और उनके ऊपर चल रहे करीब 1 हजार करोड़ के लोन का खुलासा हुआ. ये सभी वे लोग हैं जिन्होंने बैंक से लोन के रूप में पैसा लेने के बाद वापस नहीं चुकाया है. गौरतलब है कि न्यूज एक्स ने केवल ऐसी एक लिस्ट बनाई बल्कि न्यूज एक्स की टीम स्पेशल जांच करते लिस्ट में शामिल तीन पतों पर पहुंची.
न्यूज एक्स का उद्देश्य इन बकाएदारों को ट्रैक करना और विवरण को तोड़ना था. जांच में लिस्ट में लिखे कई पते ऐसे निकले जो फेक थे. न्यूज़एक्स की पहुंच केवल इस लिस्ट तक ही सीमित नहीं रही बल्कि टीम ने खुद जाकर एनपीए के एड्रेस को ट्रैक करने की कोशिश की है. इस छानबीन में यह अनुमान लगाना था कि बैंक से फ्रोड करने वाले ये कौन लोग हैं, इसके साथ ही उन्होंने पैसे क्यों नहीं चुकाए हैं और मौजूदा समय में अब वे कहां हैं
न्यूज एक्स ने अपनी इस जांच के दौरान कई एनपीए लोगों को ट्रैक किया और उन पतों पर पहुंचे. इस छानबीन के दौरान पता लगाना था कि ये सभी डिफॉल्टर वर्तमान में कहां हैं और ऐसा कितना पैसा है जो वापस नहीं किया गया है. बैंक डिफॉल्टरों को ट्रैक करते समय कई जगह टीम ने पाया कि जो कंपनियों के पते जांच में सामने आए वे या तो खाली बिंल्डिंग हैं या बंद पड़ी दुकाने. इस मामले में जब स्थानीय लोगों पूछा गया तो उन्होंने कहा ऐसी कोई कंपनिया कभी भी अस्तित्व में नहीं आईं. गौरतलब है कि न्यूजएक्स ने इस मामले में बैंकों से संपर्क करने का भी प्रयास किया लेकिन बैंकों ने इस बारे में कोई जवाब नहीं दिया.
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