राजस्थान. Farmers Law Withdrawn प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कृषि कानून को रद्द करने का एलान किया था. इस ऐलान के बाद राजनीतिक गतिविधि तेज हो गई है. किसानों को इस बात का डर है कि कही मोदी सरकार इन कृषि कानूनों को नए रूप से वापस ना ले आए. इसलिए उन्होंने अभी तक इस आंदोलन को खत्म नहीं किया है. किसानो की मांग है कि संसद में संवैधानिक तरीके से इस कानून को वापस लिया जाए. इस बीच बीजेपी पार्टी से आया बयान इस आंदोलन को और बढ़ावा दे सकता है. मोदी सरकार में मंत्री रहे और राजस्थान के मौजूदा राज्यपाल कलाज मिश्र ने कृषि कानून को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने कृषि कानूनों को किसानों को समझाने का भरपूर प्रयास किया, इसके सकारात्मक पहलू को बताया लेकिन किसान इस बात को समझने में विफल रहे. राज्यपाल कलाज मिश्र ने कहा अभी समय सही नहीं है, लेकिन वक़्त आने पर सरकार इन कृषि कानूनों को वापस ला सकती है.
किसान संगठनों की बैठक खत्म
आज किसान संगठनो की सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन की आगे की रणनीति को लेकर बैठक हुए थी, बैठक के बाद किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने बताया की की कि हम पीएम को ओपन लेटर लिखेंगे। इसमें लंबित मांगों का उल्लेख किया जाएगा, जैसे- MSP समिति, उसके अधिकार, उसकी समय सीमा, उसके कर्तव्य; विद्युत विधेयक 2020, मामलों की वापसी। उन्होंने बताया कि वो इस पत्र में लखमीपुर खीरी पर मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने के लिए लिखेंगे। इसके अलावा उन्होंने बताया कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम यथावत जारी रहेंगे.
कार्यक्रम सूची-
22 को लखनऊ में किसान पंचायत
26 को सभी सीमाओं पर सभा
29 को संसद तक मार्च
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