नई दिल्ली. Light Combat Helicopter प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी कल भारतीय वायुसेना को रानी लक्ष्मी बाई की जयंती पर स्वदेशी ‘लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर” प्रदान करने जा रहे है. लम्बे अंतराल के बाद भारत को पहला स्वदेशी अटैक हेलीकॉप्टर मिलने जा रहा है. आजादी के अमृत महोत्सव के तहत रक्षा मंत्रालय 17 से 19 नवंबर तक झांसी […]
नई दिल्ली. Light Combat Helicopter प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी कल भारतीय वायुसेना को रानी लक्ष्मी बाई की जयंती पर स्वदेशी ‘लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर” प्रदान करने जा रहे है. लम्बे अंतराल के बाद भारत को पहला स्वदेशी अटैक हेलीकॉप्टर मिलने जा रहा है. आजादी के अमृत महोत्सव के तहत रक्षा मंत्रालय 17 से 19 नवंबर तक झांसी में राष्ट्रीय रक्षा सम्पर्ण पर्व मना रहा है, इसी के तहत कल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वायुसेना को स्वदेशी अटैक हेलीकॉप्टर की भेंट प्रदान करेंगे।
साल 2006 में मिली थी प्रोजेक्ट की मंजूरी
भारत कारगिल युद्ध के खत्म होने के बाद, अपना स्वदेशी अटैक हेलीकॉप्टर का मन बना चूका था, क्योंकि भारत के पास ऐसा कोई हेलीकॉप्टर नहीं था जो 15-16 हजार फीट की उंचाई पर जाकर दुश्मन के बंकर्स को तबाह कर सके. साल 2006 में इस प्रोजेक्ट को मिली थी, जिसके बाद कड़े परिश्रम और मेहनत के बाद यह अटैक हेलीकॉप्टर, एलसीएच तैयार हुआ है, जिसे कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सेना को सौपने जा रहे है. बता दें हाल ही में भारत ने अमेरिका से एडवांस हेलीकॉप्टर अपाचे ख़रीदे थे, लेकिन ये सभी हेलीकाप्टर भारत की ऊंची चोटियों पर लैंड और टेक-ऑफ नहीं कर सकते है, जिसके चलते कई बार सेना को मुश्किल होती है. स्वदेशी ‘लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर के मिलने से भारत को इन सभी परिस्थितियों में मदद मिलेगी और ऊंची चोटियों पर भी अब सेना मिशन्स को अंजाम दे सकती है. इस स्वदेशी ‘लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर को हिंदुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड ने तैयार किया है.
एलसीएच की खूबियां
लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर अपाचे के मुकाबले बहुत हल्का है, अपाचे का वजन 10 टन है, जबकि इस हेलीकॉप्टर का वजन मात्र 6 टन है. कम वजन होने की वजह से भारत की ऊंची चोटियों पर सेना को ज़्यादा सामान पहुंचाया जा सकता है.
इस हेलीकॉप्टर में फ्रांस से ली आधुनिक मिसाइल को लगाया जा सकता है, जो एयर टू एयर यानि हवा से हवा में मार करने वाले मिसाइल और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल को फिट किया जा सकते है.
आपको बता दें वायुसेना को प्रदान करने से पहले इन स्वदेशी एलसीएच हेलीकॉप्टर्स का ट्रायल सियाचिन ग्लेशियर से लेकर राजस्थान के रेगिस्तान तक हो चुका है. जिसमें ये सभी मापदंडो पर सफल पाए गए है.