मुंबई आतंकी हमलों की साजिश में शामिल रहे तहव्वुर हुसैन राणा से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार को घंटों तक पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक, एनआईए की टीम ने राणा से हमले में शामिल अन्य लोगों, उनके बीच हुई मुलाकातों और यात्रा संबंधी जानकारी को लेकर गहन पूछताछ की। पूछताछ के दौरान राणा ने दुबई के एक व्यक्ति का जिक्र किया, जो कथित तौर पर हमले की साजिश से वाकिफ था।
दुबई में हुई थी मुलाकात
सूत्रों की मानें तो डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी ने राणा की मुलाकात दुबई में एक अन्य साजिशकर्ता से कराई थी। अमेरिकी एजेंसियों ने भी भारतीय अधिकारियों को इस व्यक्ति के बारे में जानकारी दी थी, जो हमले से पहले ही इसकी योजना से अवगत था।
एनआईए सूत्रों ने यह भी बताया कि 2008 में हेडली ने राणा को भारत यात्रा न करने की सलाह दी थी। इससे यह संकेत मिलता है कि हेडली को हमले की योजना की जानकारी पहले से थी। एनआईए अब यह जांच कर रही है कि दुबई में राणा की जिस व्यक्ति से मुलाकात हुई थी, क्या उसका संबंध पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई, सेना के किसी अधिकारी या आतंकवादी संगठन से था।
लगभग तीन घंटे तक पूछताछ
जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को एनआईए ने राणा से लगभग तीन घंटे तक पूछताछ की थी, लेकिन वह सवालों के सीधे जवाब नहीं दे रहा था और सहयोग नहीं कर रहा था। वहीं शनिवार को पूछताछ में राणा ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड साजिद मीर से संपर्क में होने की बात स्वीकार की।
राणा की 2008 में भारत यात्रा के दौरान
इसके अलावा एनआईए राणा की 2008 में भारत यात्रा के दौरान आगरा, हापुड़, दिल्ली, कोच्चि, अहमदाबाद और मुंबई जैसे शहरों में की गई यात्राओं की भी जांच कर रही है। एजेंसी को शक है कि इन यात्राओं का मकसद रेकी करना और अन्य शहरों को निशाना बनाने की योजना का हिस्सा हो सकता है।
इधर अदालत में राणा ने वकील से करीब 30 मिनट तक बातचीत की और शांत नजर आया। उसने जज के सवालों के स्पष्ट उत्तर दिए और एनआईए मुख्यालय में रखने को लेकर वकील से जानकारी भी मांगी।
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