नई दिल्ली। नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर देश में सियासी महासंग्राम छिड़ा हुआ है. 20 विपक्षी पार्टियों ने इस समारोह से किनारा कर लिया है. इस बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष से अपील की है. उन्होंने कहा है कि संसद लोकतंत्र का मंदिर है, प्रधानमंत्री भी इस कदमों पर […]
नई दिल्ली। नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर देश में सियासी महासंग्राम छिड़ा हुआ है. 20 विपक्षी पार्टियों ने इस समारोह से किनारा कर लिया है. इस बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष से अपील की है. उन्होंने कहा है कि संसद लोकतंत्र का मंदिर है, प्रधानमंत्री भी इस कदमों पर झुककर संसद में प्रवेश करते हैं. सीतारमण ने कहा कि मैं विपक्ष से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करती हूं कि कृपया फिर से विचार करें और समारोह में हिस्सा लें.
बता दें कि इससे पहले केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी बुधवार को विपक्षी दलों से इस बहिष्कार पर फिर से विचार करने की अपील की थी. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मैं विपक्षी नेताओं को बताना चाहता हूं कि यह एक ऐतिहासिक घटना है. इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. यह राजनीति का समय नहीं है. उन्होंने कहा कि नई संसद के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करना और उसे मुद्दा बनाना सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं विपक्षी पार्टियों से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील करता हूं.
वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने कल प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए विपक्ष की सारी अटकलों को दूर कर दिया है. अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 28 मई को पीएम मोदी ही नई संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि इस संसद को रिकॉर्ड समय में बनाया गया है और ये पीएम मोदी की दूरदर्शिता का प्रमाण है. शाह ने आगे कहा कि इस नई संचरना को रिकॉर्ड समय में बनाने के लिए करीब 60,000 श्रमयोगियों ने अपना योगदान दिया है. इस अवसर पर पीएम मोदी सभी श्रमयोगियों का सम्मान भी करेंगे.
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