दिसपुर/नई दिल्ली। नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर विवाद जारी है. विपक्षी पार्टियां नई पार्लियामेंट बिल्डिंग का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से करवाने को लेकर अड़ी हुई हैं. उधर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया है कि प्रधानमंत्री मोदी ही नई संसद का उद्घाटन करेंगे. जिसके बाद बुधवार को 19 विपक्षी […]
दिसपुर/नई दिल्ली। नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर विवाद जारी है. विपक्षी पार्टियां नई पार्लियामेंट बिल्डिंग का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से करवाने को लेकर अड़ी हुई हैं. उधर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया है कि प्रधानमंत्री मोदी ही नई संसद का उद्घाटन करेंगे. जिसके बाद बुधवार को 19 विपक्षी दलों ने संयुक्त बयान जारी कर उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया. विपक्ष के इस फैसले पर अब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की प्रतिक्रिया आई है. हिमंत ने सवाल पूछते हुए कहा है कि क्या विपक्षी दल राम मंदिर के उद्घाटन का भी बहिष्कार करेंगे? असम सीएम ने ट्वीट के जरिए यह सवाल पूछा है.
बता दें कि विपक्षी दलों के इस रवैये पर केंद्र सरकार हैरान है. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को विपक्षी दलों से इस बहिष्कार पर फिर से विचार करने की अपील की है. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मैं विपक्षी नेताओं को बताना चाहता हूं कि यह एक ऐतिहासिक घटना है. इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. यह राजनीति का समय नहीं है. उन्होंने कहा कि नई संसद के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करना और उसे मुद्दा बनाना सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं विपक्षी पार्टियों से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील करता हूं.
वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने कल प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए विपक्ष की सारी अटकलों को दूर कर दिया है. अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 28 मई को पीएम मोदी ही नई संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि इस संसद को रिकॉर्ड समय में बनाया गया है और ये पीएम मोदी की दूरदर्शिता का प्रमाण है. शाह ने आगे कहा कि इस नई संचरना को रिकॉर्ड समय में बनाने के लिए करीब 60,000 श्रमयोगियों ने अपना योगदान दिया है. इस अवसर पर पीएम मोदी सभी श्रमयोगियों का सम्मान भी करेंगे.