New Indian Parliament Building: केंद्र सरकार ने संसद भवन केंद्रीय सचिवालय और राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक सेंट्रल विस्टा को अगले पांच वर्ष में बदलने का निर्णय किया है. यह नरेंद्र मोदी सरकार का ड्रीम प्लान बताया जा रहा है. अंग्रेजों की बनाई संसद अब जल्द ही पूरी तरह से बदल जाएगी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार इसकी तैयारी में पिछले काफी लंबे समय से लगी थी.
नई दिल्ली. New Indian Parliament Building: सूत्रों के मुताबिक केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने गुरुवार को संसद भवन की इमारत के पुनर्निमाण अथवा नई बिल्डिंग बनाने का प्रस्ताव की पेशकश की है. केंद्रीय आवास एवं शहरी मंत्रालय ने संसद भवन को फिर से बनाने के लिए आर्किटेक्ट को भी आमंत्रित किया है. बताया जा रहा है कि नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक करीब 3 किलोमीटर के क्षेत्र में केंद्रीय सचिवालय का निर्माण किया जाएगा. जिसमें सभी मंत्रालयों के कार्यालय होंगे. सूत्रों के मुताबिक अगस्त 2022 में संसद का मानसून सत्र नई इमारत में बुलाया जाएगा.
नरेंद्र मोदी सरकार अंग्रेजों के बनाए संसद भवन को बदलने की तैयारी कर रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र ने नई बिल्डिंग बनाने के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP) जारी किया है. सरकार ने संसद भवन, केंद्रीय सचिवालय और राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक सेंट्रल विस्टा को अगले पांच साल में नया स्वरूप देने का निर्णय किया है. मोदी सरकार के इस फैसले के बाद काफी कुछ बदलने वाला है.
संसद भवन ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियन और सर हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन किया गया था. दरअसल 1912-1913 में ब्रिटिश भारत के लिए एक नई प्रशासनिक राजधानी बनाने के फैसले के बाद ऐसा किया गया था. संसद भवन का निर्माण 1921 में शुरू हुआ और यह 1927 में पूरा हुआ. 92 वर्ष पहले इसकी कुल लागत 83 लाख रुपए आई थी. अब देखना दिलचस्प होगा कि मोदी सरकार इसे किस प्रकार का आकार देती है.