New E-Commerce Policy: नरेंद्र मोदी सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए नियम और कड़े कर दिए हैं, जिससे कैशबैक, एक्सक्लूसिव डील्स जैसे फायदे ग्राहकों को नहीं मिल पाएंगे. सरकार ने इस सेक्टर के लिए एफडीआई में भी बदलाव किया है.
नई दिल्ली. भारत में जल्द ही ऑनलाइन शॉपिंग का चेहरा बदलने वाला है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए नए नियम लागू किए हैं, जिससे बंपर डिस्काउंट, कैशबैक और एक्सक्लूसिव डील जैसे ऑफर्स बीते दिनों की बात हो जाएंगे. मोदी सरकार ने ई-कॉमर्स इंडस्ट्री के लिए फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट यानी (एफडीआई) की नीति में बदलाव किया है. केंद्र सरकार के इस फैसले से फ्लिपकार्ट और अमेजन को धक्का लगा है वहीं घरेलू व्यापारियों को राहत देने और गुस्सा शांत करने की कोशिश की गई है, जो ई-कॉमर्स कंपनियों के काम करने के तरीके से खफा हैं. नए नियम अगले साल फरवरी से लागू होंगे.
क्या हैं नए नियम: नीति में एक नियम यह भी जोड़ा गया है कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जुड़ी कोई भी यूनिट सामान नहीं बेच सकती. कोई वेंडर ई-कॉमर्स की वेबसाइट पर कितना सामान बेचेगा, इसकी भी लिमिट तय की गई है. सरकार के इस कदम के बाद कंपनियों को अपने बिजनेस मॉडल में भी परिवर्तन करना होगा. नए नियमों के मुताबिक ई-कॉमर्स कंपनी किसी सप्लायर को स्पेशल रियायत नहीं दे सकती.
इस संशोधन से कैशबैक, एक्सक्लूसिव सेल, किसी वेबसाइट पर एक ब्रैंड का लॉन्च, फ्लिपकार्ट एश्योर्ड और अमेजन प्राइम जैसी सर्विसेज देने में परेशानी हो सकती है. नियमों में बदलाव पर एक वरिष्ठ सरकारी अफसर ने कहा कि साल 2016 के प्रेस नोट में जो कहा गया था, उसे सही तरीके से लागू करने के लिए यह फैसला लिया गया है. इसके मुताबिक ई-कॉमर्स कंपनियां कीमतों पर डायरेक्ट या इनडायरेक्ट प्रभाव नहीं डाल सकती.
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