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मनमोहन सिंह के खत के जवाब में आए नेहरू मेमोरियल के डायरेक्टर, कांग्रेस पर ही उठाए सवाल

नई दिल्ली. नेहरू मेमोरियल के डायरेक्टर शक्ति सिन्हा ने आज मीडिया से बात करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उस खत का जवाब सिलसिलेवार ढंग से दिया है, जिसमें उन्होंने पीएम मोदी को लिखे खत में तीन मूर्ति भवन कॉम्पलेक्स में बाकी प्रधानमंत्रियों का म्यूजियम बनाने पर ऐतराज किया है और पंडित नेहरू की यादगार को ना छेड़ने के लिए कहा है। शक्ति सिन्हा ने आज कहा, अब तक कांग्रेस नेता सो रहे थे, क्योंकि ना जाने कितने ऐसे काम तीन मूर्ति भवन परिसर में हुए हैं, जिनका पंडित नेहरू से कोई लेना देना नहीं, यहां तक कि इसकी जमीन दिल्ली पुलिस तक को दे दी गई।

नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी के डायरेक्टर शक्ति सिन्हा ने बताया कि नेहरू मेमोरियल कैम्पस का साइज अब सिकुड़ चुका है, नेहरू तारामंडल बनाया जा चुका है, जिसका पंडित नेहरू की यादों से कोई लेना देना नहीं, कुछ जमीन दिल्ली पुलिस को भी दी जा चुकी है। वो पूछते हैं, ‘जब इन सब कामों से नेहरू की लीगेसी पर कोई फर्क नहीं पड़ा तो जिस डेमोक्रेसी के नेहरू मजबूत स्तम्भ रहे हैं, उस डेमोक्रेसी को सेलीब्रेट करने का कोई भी कार्यक्रम नेहरू की लीगेसी को कैसे कम कर सकता है?’

उन्होंने दावा किया है कि अब तक पंडित नेहरू के बारे में जितनी जानकारी उपलब्ध है, म्यूजियम बनने के बाद उससे कहीं ज्यादा जानकारी उपलब्ध होगी। मनमोहन सिंह के खत के बारे में बोलते हुए शक्ति सिन्हा ने कहा कि अभी नेहरू म्यूजियम में जितना सामान या यादें हैं उनमें से महज तीस फीसदी ही पंडित नेहरू से जुड़ी हैं और लाइब्रेरी में जितनी किताबें हैं उनका केवल दो फीसदी ही नेहरु से ताल्लुक रखता है। उन्होंने बताया कि पिछले पचास सालों में आज तक इस परिसर का अपग्रेडेशन नहीं हुआ, पहली बार हम कर रहे हैं। तमाम फोटो फेडेड हो चुके हैं और नेगेटिव उपलब्ध नहीं है। हम इसके लिए लेटेक्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं, उलटे तारीफ के हमें निशाना बनाया जा रहा है।

उनका दावा है कि पहले के मुकाबले म्यूजियम में नेहरू से जुड़ी गैलरियां चार गुनी हो जाएंगी, उनका ये भी कहना है कि प्रधानमंत्रियों के म्यूजियम में सबसे ज्यादा हिस्सा तो कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों का ही होगा, जिनमें लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पीवी नरसिंह राव और खुद मनमोहन सिंह का भी होगा, वो भी पंडित नेहरू का हिस्सा घटाए बगैर।

तीन मूर्ति भवन कभी देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू का आधिकारिक निवास हुआ करता था, जिसमें उनके साथ इंदिरा गांधी भी रहा करती थीं, संजय और राजीव इसी में पले बढ़े। नेहरूजी की मौत के बाद इसे नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी में तब्दील कर दिया गया था। मूल रूप से इसका निर्माण ब्रिटिश सरकार के कमांडर इन चीफ के निवास के तौर पर किया गया था।

इस महिला ने तीन मूर्ति भवन को PM इंदिरा गांधी के ऑफिशियल रेजीडेंस बनाने पर लगा दी थी रोक

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने PM मोदी को चिट्ठी लिखकर कहा, नेहरु मेमोरियल ओर तीन मूर्ति भवन से ना की जाए छेड़छाड़

Aanchal Pandey

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