NEET पेपर लीक: बिहार के छात्र अनुराग यादव की कहानी नकल के बावजूद फेल होने की मिसाल है। उसने खुद ही पुलिस को बताया कि उसके पास NEET का प्रश्नपत्र पहले से था। इसके बावजूद, NEET परीक्षा के नतीजों में अनुराग यादव को 720 अंकों में से मात्र 185 अंक मिले हैं। बिहार पुलिस ने […]
NEET पेपर लीक: बिहार के छात्र अनुराग यादव की कहानी नकल के बावजूद फेल होने की मिसाल है। उसने खुद ही पुलिस को बताया कि उसके पास NEET का प्रश्नपत्र पहले से था। इसके बावजूद, NEET परीक्षा के नतीजों में अनुराग यादव को 720 अंकों में से मात्र 185 अंक मिले हैं। बिहार पुलिस ने अब तक तीन छात्रों को गिरफ्तार किया है, और जिन छात्रों के पास पेपर था, उनमें से कोई भी NEET परीक्षा में अच्छे अंक नहीं ला पाया।
अनुराग यादव ने अपने कबूलनामे में बताया कि वह कोटा के एलन कोचिंग सेंटर में NEET की तैयारी कर रहा था। उसके चाचा सिकंदर ने उसे परीक्षा से एक दिन पहले प्रश्नपत्र और उत्तर पुस्तिका दी थी, और रात भर उत्तर याद करने को कहा था। अनुराग ने बताया कि वह NHAI के गेस्ट हाउस में ठहरा था और परीक्षा केंद्र डीवाई पाटिल स्कूल में था। जब वह परीक्षा देने गया, तो वही प्रश्न आए जो उसने याद किए थे। परीक्षा के बाद पुलिस आ गई और उसे गिरफ्तार कर लिया। अनुराग ने कहा, “मैं अपना अपराध स्वीकार कर रहा हूँ।”
नीट पेपर लीक मामले में पकड़े गए छात्रों की मार्कशीट से पता चलता है कि नकल करने के बावजूद उनका प्रदर्शन बेहद खराब रहा।
1. अनुराग यादव: 720 में से केवल 185 अंक। फिजिक्स में 85.52 परसेंटाइल, बायोलॉजी में 51.04 परसेंटाइल, और केमेस्ट्री में 5.04 परसेंटाइल।
2. आयुष राज: 720 में से 300 अंक। बायोलॉजी में 87.80 परसेंटाइल, फिजिक्स में 15.52 परसेंटाइल, और केमेस्ट्री में 15.36 परसेंटाइल।
3. अभिषेक कुमार: चारों में सबसे ज्यादा अंक। केमेस्ट्री में 95.99 परसेंटाइल, फिजिक्स में 96.40 परसेंटाइल, और बायोलॉजी में 95.56 परसेंटाइल।
4. शिवनंदन कुमार: 720 में से 483 अंक। बायोलॉजी में 90.27 परसेंटाइल, फिजिक्स में 89.75 परसेंटाइल, और केमेस्ट्री में 86.02 परसेंटाइल।
नीट पेपर लीक मामले में मास्टरमाइंड अमित आनंद ने कबूल किया है कि उसने प्रश्नपत्रों को परीक्षा से एक दिन पहले लीक किया था। उसने छात्रों से लाखों रुपये लिए और उन्हें उत्तर याद करवाए। अब तक इस मामले में 13 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिसमें दानापुर नगर पालिका का जूनियर इंजीनियर सिकंदर भी शामिल है।
यह कहानी न केवल नकल की हकीकत को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि नकल करने के लिए भी अकल की जरूरत होती है। अनुराग यादव की कहानी इस बात की मिसाल है कि कैसे पेपर लीक के बावजूद वह असफल हो गया। यह घटना छात्रों को सही तरीके से पढ़ाई करने की प्रेरणा देती है और यह भी बताती है कि गलत तरीकों से हासिल की गई सफलता का कोई मूल्य नहीं होता।
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