कोलकाता। पश्चिम बंगाल में मोका नाम का एक चक्रवात आगे बढ़ रहा है. इसको लेकर राज्य में एनडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है. कहा जा रहा है कि इस चक्रवात का असर बंगाल में ज्यादा पड़ने वाला है. जिसको लेकर एनडीआरएफ ने सभी को अलर्ट किया है. समुंद्री तटों से दूर रहने के […]
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में मोका नाम का एक चक्रवात आगे बढ़ रहा है. इसको लेकर राज्य में एनडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है. कहा जा रहा है कि इस चक्रवात का असर बंगाल में ज्यादा पड़ने वाला है. जिसको लेकर एनडीआरएफ ने सभी को अलर्ट किया है.
बता दें कि एनडीआरएफ की टीम पश्चिम बंगाल के दीघा में पहुंच चुकी है. यहां पर मौजूद मछुआरों और पर्यटकों को अलर्ट किया गया है, उनको समुंद्री तटों से दूर रहने को कहा गया है.
मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में पनप रहा गहरा दबाव आज साइक्लोन मोका में तब्दील हो जाएगा और 12 मई की दोपहर तक बेहद प्रचंड रूप ले लेगा. साइक्लोन का लैडफॉल 14 मई की सुबह बांग्लादेश के कॉक्स बाजार और म्यांमार के क्यूकफ्यू में सबसे पहले पहुंचेगा, इस दौरान मोका की अधिकतम गति 130 किमी प्रति घंटा रहेगा। हालांकि बंगाल पर इसका असर कितना पड़ेगा, ये अभी साफ नहीं हो पाया है. लेकिन बंगाल सरकार ने अभी से तटवर्ती इलाकों में तैयारी शुरू कर दी है. प्रशासन को जरूरी बंदोबस्त करने को कहा गया है.
इसके अलावा पश्चिम बंगाल में एनडीआरएफ की 6 टीमों को तैनात किया गया है. जो पूर्व मिदनापुर के रामनगर 1 ब्लॉक, रामनगर 2, हल्दिया, दक्षिण 24 परगना के गोसाबा कुलतली, काकद्वीप, उत्तर 24 परगना के हिंगलगंज और संदेशखाली में तैनात रहेंगी. साथ ही कोस्ट गार्ड की टीम भी हाई अलर्ट पर है और कोस्ट गार्ड डिजास्टर रिलीफ टीम का गठन किया गया है, जो उड़ीसा और बंगाल के तटवर्ती इलाकों में सक्रिय हो गई है.