पटना/नई दिल्ली। केंद्र के सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को पहला झटका लगना लगभग तय है। बताया जा रहा है कि बिहार की लोक जनशक्ति पार्टी (पशुपति गुट) जल्द ही एनडीए छोड़कर विपक्षी महागठबंधन में शामिल हो सकती है और बिहार विधानसभा चुनाव-2025 राजद-कांग्रेस-वाम दल गठबंधन के साथ लड़ सकती है।
पशपुति पारस के घर पहुंचे लालू
लोजपा (पशुपति गुट) के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के पाला बदलने की चर्चा इस वक्त पटना और दिल्ली के सियासी गलियारों में खूब हो रही है। इस चर्चा को ज्यादा बल उस वक्त मिला जब 15 जनवरी की दोपहर राजद सुप्रीमो लालू यादव अपने बेटे तेज प्रताप के साथ अचानक पशुपति पारस के घर पहुंच गए हैं। बताया गया कि लालू दही-चूड़ा खाने पशुपति के घर पहुंचे हैं, लेकिन इस मुलाकात के बड़े राजनीतिक अर्थ निकाले जा रहे हैं।
लोजपा का दूसरा गुट भी NDA में
बता दें कि लोजपा का दूसरा गुट यानी चिराग पासवान की पार्टी भी एनडीए में है। चिराग वाली लोजपा के पास इस वक्त 5 लोकसभा सांसद और एक केंद्रीय मंत्री का पद है। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि आगामी बिहार चुनाव में एनडीए फिर से चिराग वाली लोजपा को ही ज्यादा तरजीह देने वाला है, इसी वजह से अब पशुपति पारस नए राजनीतिक विकल्प तलाश रहे हैं।
मालूम हो कि लोकसभा चुनाव 2024 के वक्त भी एनडीए ने चिराग की लोजपा को 5 सीटें दी थीं, वहीं पशपुति को पूरी तरह से किनारे कर दिया गया था। गौरतलब है कि लोजपा संस्थापक राम विलास पासवान की मौत के बाद पार्टी दो टुकड़ों में टूट गई थी। एक गुट पशुपति पारस का और दूसरा गुट चिराग पासवान का बन गया।
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