ND Tiwari Profile: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व सीएम नारायण दत्त तिवारी का आज लंबी बीमारी के बाद दिल्ली में निधन हो गया है. एनडी तिवारी का निधन 93 साल की उम्र में हुआ है. तिवारी पहले 3 बार उत्तर प्रदेश के बाद में एक बार उत्तराखंड के सीएम बने. खास बात ये है कि आज उनका 93वां जन्मदिन भी था. आइये जानते हैं उनके बारे में.
नई दिल्ली. ND Tiwari Profile: यूपी और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम एनडी तिवारी का आज 93 साल की उम्र में निधन हो गया है. खास बात ये है कि आज एनडी तिवारी का 93 वां जन्मदिन था. तिवारी का आज दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया. बुधवार को ब्रेन स्ट्रोक के कारण तिवारी को मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. एनडी तिवारी का जन्म 18 अक्टूबर 1925 को नैनीताल में हुआ था. आज दोपहर करीब 3 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. तिवारी का विवादों से नाता रहा है. जब वो आंध्र प्रदेश के राज्यपाल थे तो उन पर गवर्नर हाउस में कॉल गर्ल बुलाने का आरोप लगा था. वहीं उनके बेटे रोहित तिवारी ने अपने हक के लिए काफी लंबी लड़ाई लड़ी थी. बाद में कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें उज्जवला तिवारी से शादी की थी.
एनडी तिवारी 1963 में इंदिरा और संजय गांधी के करीबी संबंधों के कारण कांग्रेस में शामिल हुए थे. 1976 में वो यूपी के सीएम बने थे. भारतीय राजनीति में तिवारी एकमात्र ऐसे नेता हैं जो दो राज्यों के सीएम रहे हैं. 1984 में वो दूसरी बार यूपी के सीएम बने थे. तिवारी 19 88 में तीसरी बार यूपी में सत्ता में आए थे. हालांकि 1989 में कांग्रेस की राज्य में हार का सामना करना पड़ा.
2002 में एनडी तिवारी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने. वह पांच साल की अवधि पूरी करने के लिए उत्तराखंड में एकमात्र मुख्यमंत्री हैं. तिवारी 2007 से 2009 के बीच आंध्र प्रदेश के गवर्नर रहे. एनडी तिवारी आंध्र प्रदेश गवर्नर हाउस में तीन कॉल गर्ल्स के साथ एक स्टिंग ऑपरेशन में पकड़े गए थे. जिसके बाद स्वास्थ्य कारणों से उन्हें राज्यपाल के पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
एनडी तिवारी पर वकील रोहित शेखर अपना जैविक पिता होने का केस किया था. काफी लंबे चले केस के बाद एनडी तिवारी ने रोहित शेखर को अपना बेटा कबूल किया था. रोहित ने दिल्ली उच्च न्यायालय में अपनी याचिका में दावा किया था कि वह एनडी तिवारी और उनकी मां उज्जवाला के बीच अवैध संबंध से पैदा हुए थे. तिवारी ने शुरुआत में डीएनए जांच से इंकार किया था. लेकिन बाद में हाईकोर्ट के आदेश के बाद डीएनए जांच से पुष्टि हुई थी कि रोहित उनके जैविक पुत्र हैं. इसी साल जनवरी में उत्तराखंड विधानसभा चुनावों से पहले तिवारी अपने बेटे रोहित के साथ पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की उपस्थिति में बीजेपी में शामिल हो गए थे.