नई दिल्ली. नवरात्रि में अष्टमी तिथि की विशेष मान्यताएं होती हैं, इस साल चैत्र नवरात्रि पर एक भी तिथि का क्षय न होने के चलते नवरात्रि पूरे नौ दिनों की पड़ रही है. इस साल अष्टमी 9 अप्रैल को मनाई जा रही है. कुछ लोग अष्टमी तिथि को ही कन्या पूजन के साथ व्रत का […]
नई दिल्ली. नवरात्रि में अष्टमी तिथि की विशेष मान्यताएं होती हैं, इस साल चैत्र नवरात्रि पर एक भी तिथि का क्षय न होने के चलते नवरात्रि पूरे नौ दिनों की पड़ रही है. इस साल अष्टमी 9 अप्रैल को मनाई जा रही है. कुछ लोग अष्टमी तिथि को ही कन्या पूजन के साथ व्रत का पारण भी करते हैं. जबकि कुछ लोग राम नवमी के दिन कन्या पूजन कर व्रत खोलते हैं.
नवरात्रि के आठवें दिन यानि अष्टमी तिथि पर माँ दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा की जाती है, इस साल अष्टमी तिथि 9 अप्रैल, शनिवार को पड़ने वाली है. इस दिन कन्या पूजन के साथ हवन कर व्रत का पारण भी किया जाता है.
शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 08 अप्रैल को रात 11 बजकर 05 मिनट से शुरू हो रही है, जो कि 10 अप्रैल को सुबह 01 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होने वाली है. वहीं, अभिजीत मुहूर्त की बात करें तो अभिजीत मुहूर्त 09 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 03 मिनट से 12 बजकर 53 मिनट तक रहेगा. अमृत काल की बात करें तो 09 अप्रैल को सुबह 01 बजकर 50 मिनट से 03 बजकर 37 मिनट तक है. अष्टमी तिथि को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 39 मिनट से सुबह 05 बजकर 27 मिनट तक रहने वाला है.
चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि के दिन का शुभ मुहूर्त यानि कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक है. शास्त्रों के अनुसार, चैत्र नवरात्री के दौरान अष्टमी तिथि के दिन मां दुर्गा की विधि-विधान के साथ पूजा करने से सुख-शांति व समृद्धि की प्राप्ति होती है. इस दौरान सच्चे मन से माँ दुर्गा की पूजा करने से मां दुर्गा की कृपा से भक्तों को सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है.