मुंबई: देशभर में चल रहे लाउडस्पीकर विवाद ने सियासी पारा बड़ा दिया है। तमाम राजनीतिक दलों के नेता इसपर टिप्पणी कर रहे हैं। महाराष्ट्र के अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा को आखिरकार जमानत मिल गई है। 4 मई को कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका पर अपना फैसला सुनाया और कई शर्तों के साथ उन्हें […]
मुंबई: देशभर में चल रहे लाउडस्पीकर विवाद ने सियासी पारा बड़ा दिया है। तमाम राजनीतिक दलों के नेता इसपर टिप्पणी कर रहे हैं। महाराष्ट्र के अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा को आखिरकार जमानत मिल गई है। 4 मई को कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका पर अपना फैसला सुनाया और कई शर्तों के साथ उन्हें बेल दे दी है। मुंबई के सेशंस कोर्ट की तरफ से सांसद नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा को ये बड़ी राहत दी गई. दोनों पिछले 11 दिनों से जेल में थे. कल जमानत मिलने के बाद दोनों को एक और रात जेल में ही बितानी पड़ी। क्योंकि वक्त पर बेल आर्डर नही पहुँच पाए थे। आज दोनों को कई शर्तो के साथ जमानत मिल सकती है।
मुंबई सेशन्स कोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोनों को कई शर्तो पर बेल दे दी है। जमानत मिलने के बाद सांसद नवनीत राणा को पुलिस की गाड़ी में जेजे अस्पताल ले जाया गया. जानकारी के मुताबिक नवनीत राणा की तबियत खराब है, कई घंटों तक अस्पताल में रहने के बाद उन्हें डिस्चार्ज किया गया. पहले खबर थी कि उन्हें हॉस्पिटल से ही रिहा कर दिया जाएगा, लेकिन रिलीज आर्डर समय पर नहीं पहुँचने के चलते नवनीत राणा को वापस जेल ले जाया गया, जिसके बाद उन्हें एक और रात जेल में ही बितानी पड़ी. खबरों के मुताबिक आज उनके वकील कोर्ट से रिलीज ऑर्डर लेकर जेल जाएंगे, जिसके बाद दोनों की रिहाई होगी.
राणा दंपत्ति को कई शर्तों के साथ जमानत मिली है. 50-50 हजार के मुचलके पर दोनों को कोर्ट ने जमानत दी है.
जांच अधिकारी दोनों को जब भी पूछताछ के लिए बुलाए, उन्हें पुलिस स्टेशन आना होगा. इसके लिए उन्हें 24 घंटे पहले फोन पर या ई-मेल पर जानकारी दी जाएगी.
नवनीत राणा और उनके पति को निर्देश दिया गया है कि वो किसी भी गवाह या सबूत के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे. जिससे जांच में किसी भी तरह की बाधा पैदा हो.
नवनीत और रवि राणा इस केस को लेकर मीडिया में किसी भी तरह का बयान जारी नहीं कर सकते हैं. ऐसा करने पर कोर्ट की शर्त का उल्लंघन होगा.
जमानत की एक शर्त ये भी रखी गई है कि नवनीत राणा और उनके पति जमानत में बाहर रहने के दौरान ऐसा अपराध नहीं दोहराएंगे. यानी कि वो हनुमान चालीसा पढ़ने या फिर इसी तरह का कोई और बयान नहीं दे सकते.
मुम्बई सेशन कोर्ट ने दोनों को साफ तौर पर बेल देते हुए कहा हैं कि यदि वे दोनों किसी भी शर्त का उलंघन करते है तो कोर्ट उनकी जमानत याचिका को रद्द कर देगा।
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