नई दिल्ली. Corona Death विष्वभर में पिछले 2 साल से चल रही वैश्विक महामारी कोरोना के चलते करीब लाखो लोगों ने अपनी जान गवाई। कई परिवारों से उनके कमाने वाले का साया उठ गया, कुछ अनाथ हो गए, वहीँ किसी-किसी देशो में तो पूरा परिवार खत्म हो गया. भारत में कोरोना के कारण के हुई मौत पर मुआवजे के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम निर्देश साझा किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार द्वारा मृत्यु पर दिए जा रहे मुआवजे को सही तरह से लोगों तक पहुंचने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अंडर सेक्रेटरी या इससे ऊपर के दर्जे के अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त करने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि नोडल अधिकारी राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (एसएलएसए) के साथ मिलकर पीड़ित लोगों तक मुआवजा पहुंचाने का कार्य करेंगे।
इसके साथ ही कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को मुआवजे से सम्बंधित (एसएलएसए) को पीड़ित परिवारों का नाम, पता और मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ-साथ अनाथों के संबंध में पूर्ण विवरण देने को कहा है. इसके साथ ही कोर्ट ने सभी राज्यों को इस मामलें को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए है और सही आकड़ो को जल्द अधिकारीयों को सौपने को कहा है. कोर्ट ने राज्यों से आग्रह किया है कि यदि किसी भी पीड़ित के दस्तावेज में कोई भी कमी, या तकनिकी दिक्कत है तो उसे सही करने के लिए पीड़ित को प्राप्त समय दिया जाए. एक बार पीड़ित द्वारा आवेदन करने पर 10 दिन के भीतर उसे मुआवजा दिए जाने का भी प्रावधान सुनिश्चित करें।
सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की और रोष व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार का ऑनलाइन आवेदन प्राप्त करने का नियम गलत है. राज्य सरकार को लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझते हुए हर पीड़ित तक इस राशि को पहुंचाने का प्रयास करना चाहिए, नाकि इस काम में बाधा डालनी चाहिए।
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