India Nepal Relations: पुराने रिश्ते में नई गर्माहट, मोदी-देउबा ने चीन को दिया बड़ा झटका

India Nepal Relations नई दिल्ली, India Nepal Relations नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा तीन दिन के भारत दौरे पर है. कल नेपाल के प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी से मुलाकात की और दोनों देशो के बीच कई मुद्दों पर बातचीत हुई. लम्बे अरसे बाद दोनों देशो के बीच एकबार फिर रिश्ते मजबूत होने लगे है […]

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India Nepal Relations: पुराने रिश्ते में नई गर्माहट, मोदी-देउबा ने चीन को दिया बड़ा झटका

Girish Chandra

  • April 3, 2022 10:49 am Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

India Nepal Relations

नई दिल्ली, India Nepal Relations नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा तीन दिन के भारत दौरे पर है. कल नेपाल के प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी से मुलाकात की और दोनों देशो के बीच कई मुद्दों पर बातचीत हुई. लम्बे अरसे बाद दोनों देशो के बीच एकबार फिर रिश्ते मजबूत होने लगे है और पुरानी कड़वाहट दूर हो रही है. राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस मुलाकात से पुराने संबंधों में नई गर्मजोशी आएगी और नेपाल पर चीन की पकड़ भी कम होगी। दरअसल, नेपाल की पिछली कुछ कम्युनिस्ट सरकार के दौरान भारत-नेपाल के रिश्तो में तल्खी की वजह नेपाल का सीमा पर कुछ स्थानों जैसे लिपुलेख, कालापानी आदि को लेकर बढ़ा-चढ़ाकर दावा करना और उनके नक्शे जारी करना था। तब ऐसा माना गया कि नेपाल की सरकार चीन के इशारो पर काम कर रही है क्योंकि जिस प्रकार से मुद्दों का राजनीतिकरण किया गया वह बेहद चौंकाने वाला था।

लेकिन शनिवार को दोनों देशो के बीच हुई मुलाकात के बाद प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत-नेपाल के बीच खुली सीमा है तथा इससे जुड़े विवादों का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। पीएम मोदी की इस बात पर नेपाल के प्रधानमंत्री भी सहमत नजर आए और बातचीत के जरिए वे भी मुद्दों के समाधान को लेकर राजी हुए हैं।

साफ़ नजर आ रहा बदलाव

नेपाल की मौजूदा सरकार पहले सरकार की तुलना में अलग है, हालांकि देउबा सरकार भी कई कम्युनिस्ट गुटों के समर्थन से बनी हुई है. लेकिन फिर भी यह उम्मीद है कि दोनों देशो के बीच सिमा विवाद को तय मैकेनिज्म के जरिये सुलझाया जा सकता है. कल हुई बैठक में भारत ने नेपाल के प्रधानमंत्री को यह भी समझाया कि जिस प्रकार भारत-बांग्लादेश के बीच तमाम सीमा विवाद सुलझा लिये गये हैं, वैसे ही भारत-नेपाल के बीच के विवाद भी सुलझ सकते हैं।

चीन को बड़ा झटका

भारत का पेमेंट मेथड- रुपे कार्ड नेपाल में भी लांच हो गया है. इसे चीन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि चीन नेपाल में अली पे ऐप को चलाना चाह रहा था जो भीम यूपीआई जैसा ऐप है। बता दें इस ऐप पर टैक्स चोरी के आरोप लगे थे. भारत के इस कदम से नेपाल की अर्थव्यवस्था को डिजिटल होने में रुपे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और दोनों देशो के बीच संबंध भी अच्छे होंगे।

चीन के चल रहे बुरे दिन

ख़बरों के मुताबिक नेपाल के मामले में चीन के बुरे दिन चल रहे है. नेपाल-अमेरिका के बीच पांच साल से लटके मिलेनियम कारपोरेशन चैलेंज (एमसीसी) समझौते को हाल में नेपाल की संसद ने चीन के न चाहते हुए भी मंजूरी दी है। अमेरिका ने जब द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की चेतावनी दी तो देउबा सरकार ने इसे मंजूरी दिलाई।

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