The Kashmir Files पर बड़ा सियासी बवाल, कांग्रेस के तथ्यों से भड़के ट्विटर यूजर्स, किया ट्रॉल

The Kashmir Files नई दिल्ली,  The Kashmir Files हाल ही में सिनेमाघर में रिलीज हुई बॉलीवुड की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के बहाने एकबार फिर कश्मीरी पंडितो का मामला सुर्खियों में आ गया है. इस फिल्म ने अब सियासी तूल पकड़ना शुरू कर दिया है. सोशल मीडिया पर हर तरफ इस फिल्म की चर्चा की […]

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The Kashmir Files पर बड़ा सियासी बवाल, कांग्रेस के तथ्यों से भड़के ट्विटर यूजर्स, किया ट्रॉल

Girish Chandra

  • March 14, 2022 2:32 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

The Kashmir Files

नई दिल्ली,  The Kashmir Files हाल ही में सिनेमाघर में रिलीज हुई बॉलीवुड की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के बहाने एकबार फिर कश्मीरी पंडितो का मामला सुर्खियों में आ गया है. इस फिल्म ने अब सियासी तूल पकड़ना शुरू कर दिया है. सोशल मीडिया पर हर तरफ इस फिल्म की चर्चा की जा रही है. इस फिल्म में आर्टिकल 370 और कांग्रेस का जिक्र होने की वजह से इसका सियासी बखेड़ा शुरू हो गया है. बॉलीवुड की इस फिल्म में कश्मीरी पंडितो के पलायन का दर्द दिखाया गया है.

11 मार्च को रिलीज हुई इस फिल्म ने अबतक करोड़ो की कमाई कर ली है. वहीँ इस फिल्म को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच बयानबाजी शुरु हो गई है. केरल कांग्रेस ने कश्मीरी पंडितों के जम्मू-कश्मीर से पलायन को लेकर कई ट्वीट किए हैं जिसे लेकर विवाद हो गया है.

क्या था ट्वीट

केरल कांग्रेस द्वारा इस फिल्म को लेकर किए गए ट्वीट में से एक ट्वीट वर्तमान में डिलीट किया जा चुका है. केरल कांग्रेस द्वारा कश्मीरी पंडितो को लेकर जो फैक्ट रखे गए थे, उसको लेकर सोशल मीडिया पर जमकर यूजर्स उन्हें ट्रोल कर रहे है. कांग्रेस ने ट्वीट की एक सीरीज में लिखा, ‘वे आतंकवादी थे जिन्होंने कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाया। साल 1990 से लेकर 2007 के बीच के 17 सालों में आतंकवादी हमलों में 399 पंडितों की हत्या की गई। इसी अवधि के दौरान आतंकवादियों ने 15 हजार मुसलमानों की हत्या कर दी।’

वहीँ दूसरे ट्वीट में केरल कांग्रेस ने बीजेपी पर निशान साधते हुए कहा कि कश्मीरी पंडितो ने घाटी को अपनी मर्जी से छोड़ा था अउ उस समय वहां के राज्यपाल जगमोहन थे जो आरएसएस के व्यक्ति थे,पलायन भाजपा समर्थित वीपी सिंह सरकार के तहत शुरू हुआ।। केरल कांग्रेस की ओर से किए गए ट्वीट में कहा गया कि ‘बीजेपी समर्थित वीपी सिंह सरकार दिसंबर 1989 में सत्ता में आई और कश्मीरी पंडितों का पलायन अगले महीने जनवरी 1990 में शुरू हुआ। बीजेपी ने कुछ नहीं किया और नवंबर 1990 तक वीपी सिंह का समर्थन करना जारी रखा।’

कांग्रेस ने यह दावा किया कि यूपीए सरकार ने कश्मीरी पंडितो के लिए 5,242 आवास बनाए। इसके साथ ही उनके बच्चों के पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप और किसानों के लिए कल्याणकारी योजनाएं बनाई। यूपीए ने हर कश्मीरी पंडित को 5 लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की लेकिन बीजेपी ने उनके लिए कुछ नहीं किया।

 

 

केरल कांग्रेस के ट्वीट पर यूजर्स ने दिया जवाब

1- विजय ने बताया कि जगमोहन ने केंद्र सरकार को लिखा था कि आपके और आपके आस-पास के लोगों के पास इन संकेतों को देखने के लिए ना तो समय था, न दिलचस्पी और न ही दृष्टि। उन्होंने आगे लिखा है कि जगमोहन इतने ज्यादा स्पष्टवादी थे कि उनकी उपेक्षा करना ऐतिहासिक दृष्टि से अपराध जैसा था।

2- कांग्रेस के ट्वीट पर जवाब देते हुए कई ट्विटर यूजर्स ने उनके तीखे सवाल पूछे। इसमें से पल्लवी सीटी नाम के यूजर ने लिखा है कि आप ऐसा व्‍यवहार कर रहे हैं जैसे कश्मीर 1990 के पहले जन्नत था। क्या आप इससे इन्‍कार कर सकते हैं कि गवर्नर जगमोहन साल 1988 की शुरुआत से ही राजीव गांधी की सरकार को कश्मीर में आतंकवादियों के जुटने की चेतावनी देने लगे थे।

3- सुमित भसीन ने पूर्व प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह के साथ यासीन मलिक की एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि कांग्रेस इस पर कोई स्पष्टीकरण दें। कुमार 4018 नाम के एक यूजर ने लिखा कि इस तरह की चीजें एक दिन में नहीं होतीं। राजीव गांधी दिसंबर 1989 के मध्य तक प्रधानमंत्री थे। कश्मीर दंगे 1986 में शुरू हुए थे। तब राजीव गांधी की सरकार थी।

Source- ट्विटर 

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