National Education Policy 2020: 21वीं सदी में स्कूली शिक्षा पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोग पूछ रहे हैं कि NEP 2020 लागू होने पर बच्चों की पढ़ाई की भाषा क्या होगी? इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें एक वैज्ञानिक बात समझने की जरूरत है कि भाषा शिक्षा का माध्यम है, भाषा ही सारी शिक्षा नहीं है. इस कॉन्क्लेव में लगभग 15 लाख स्कूलों के 90 लाख टीचर्स और 27 करोड़ छात्र-छात्राएं जुड़े हुए थे.
National Education Policy 2020: दो दिवसीय शिक्षा पर्व पर 21वीं सदी में स्कूली शिक्षा पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोग पूछ रहे हैं कि NEP 2020 लागू होने पर बच्चों की पढ़ाई की भाषा क्या होगी? इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें एक वैज्ञानिक बात समझने की जरूरत है कि भाषा शिक्षा का माध्यम है, भाषा ही सारी शिक्षा नहीं है. जिस भी भाषा में बच्चा आसानी से सीख सके, चीजें लर्न कर सके, वही भाषा पढ़ाई की भाषा होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें सोचना चाहिए कि कहीं ऐसा तो नहीं कि विषय से ज्यादा बच्चे की ऊर्जा भाषा को समझने में खप रही है.
बता दें कि आज इस कॉन्क्लेव में लगभग 15 लाख स्कूलों के 90 लाख टीचर्स और 27 करोड़ छात्र-छात्राएं जुड़े हुए थे. इस कॉन्क्लेव में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज एक ऐसा क्षण है जिसमें नये युग के निर्माण के बीज पड़े हैं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति नये भविष्य को दिशा देने वाली है. उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा में ही छात्र नई चीजें जैसी कोडिंग, डाटा साइंस और रोबोटिक्स समझें. हमारी पहले की जो शिक्षा नीति रही है उसने हमारे स्टूडेंट्स को बहुत बांध भी दिया था.
उदाहरण के तौर पर जो साइंस लेता है वो आर्टस और कॉमर्स नहीं पढ़ सकता. आर्टस वाले के लिए मान लिया गया जो हिस्ट्री कॉमर्स पढ़ रहे हैं वो साइंस नहीं पढ़ सकते. लेकिन क्या रियल वर्ल्ड में ऐसा होता है. असल में सभी विषय एक दूसरे से इंटीग्रेटेड होते हैं. वर्तमान व्यवस्था नई संभावनाओं से जुड़ने का अवसर ही नहीं देता. बहुत से बच्चों के ड्रॉप आउट का कारण भी यही होता है. इसलिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कोई भी विषय चुनने की आजादी देता है. अब युवाओं को साइंस ह्यूमेनिटी या कॉमर्स किसी एक ब्रैकेट में फिट होने की जरूरत नहीं है. अब देश के हर स्टूडेंट को उसकी प्रतिभाओं को पूरा मौका मिलेगा.
एनईपी एक बहुत बड़ी समस्या को भी एड्रेस करती है. हमारे देश में लर्निंग गिवन एजुकेशन की जगह मार्क्स और मार्कशीट एजुकेशन हावी है. लर्न तो बच्चे तब भी कर रहे होते हैं जब खेल रहे होते हैं. बाहर घूमने जाते हैं या बात कर रहे होते हैं. अक्सर माता पिता बच्चों से ये नहीं पूछते कि तुमने क्या सीखा, वो पूछते हैं कि मार्क्स कितने आए. टेस्ट में कितने नंबर आए.
UP PCS Result 2018 Declared: यूपी पीसीएस रिजल्ट 2018 जारी, अनुज नेहरा ने किया टॉप, @uppsc.up.nic.in