देश-प्रदेश

18 नन्हें जाबाजों को वीरता पुरस्कार से सम्मानित करेंगे PM नरेंद्र मोदी, गणतंत्र दिवस परेड में लेंगे हिस्सा

नई दिल्लीः गणतंत्र दिवस के मौके पर इस बार देश में 18 बच्चों को उनकी बहादुरी के लिए राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से नवाजा जाएगा. इन 18 बच्चों में 11 लड़कें हैं और 7 लड़कियां हैं, तीन बच्चों को यह पुरस्कार मरणोपरांत दिया जाएगा. पुरस्कृत बच्चों को गणतंत्र दिवस के अवसर पर परेड में शामिल होने का भी मौका मिलेगा. पीएम मोदी 24 जनवरी को इन बच्चों को पुरस्कृत करेंगे.

ये हैं विजेता

नेत्रवती एम चव्हाण (मरणोपरांत)
कर्नाटक के बागलकोट जिले की रहने वाली 14 वर्षीय नेत्रवती एम चव्हाण ने दो लड़को को डूबने से बचाने में अपनी जान गवां दी थी.

एफ ललछंदामा (मरणोपरांत)
एफ ललछंदामा ने नदी में डूब रहे अपने दोस्तों की जान बचाने के लिए अपनी जान गवां दी थी. हालांकि इस बच्चे की भी जान नहीं बच पाई थी.

राजेश्वरी (मरणोपरांत)
13 साल की राजेश्वरी ने अपनी जान देकर अपनी आंटी और चचेरे भाई को डूबने से तो बचाई लेकिन अपने प्राण दे दिए. घटना 10 नबम्बर 2016 को मणिपुर मे हुई.

नाजिया
उत्तर प्रदेश की आगरा की रहने वाली नाजिया ने कई बदमाशों व उनकी तमाम धमकियों का मुकाबला करते हुए कई दशकों से चल रहे जुए और सट्टे के अवैध व्यवसाय को बंद कराया था.

ममता दलाई
ओडीशा छह वर्षीय ममता दलाई असंती दलाई के साथ तालाब में नहा रही थीं तभी मगरमच्छ ने असंती का पांव खींच लिया. ममता दलाई ने साहस दिखाते हुए असंती को मगरमच्छ का शिकार बनने से बचाया था.

बेटश्वाजॉन पेनलांग
मेघालय निवासी 14 साल के बेटश्वाजॉन पेनलांग ने अपनी जान पर खेल कर आग की लपटों से तीन साल के भाई का जान बचाई थी.

सेबासटियन विनसेंट
केरल के सेबासटियन विनसेंट ने साइकिल चलाते वक्त रेलवे की पटरी पर गिरे अपने दोस्त को आ रही ट्रेन से दुर्घटनाग्रस्त होने से बचाया था.

लक्ष्मी यादव
छत्तीसगढ़ के रायपुर की लक्ष्मी यादव ने उन पर यौन शोषण करने का प्रयास करने वाले तीन लोगों के प्रयास को बड़ी बहादुरी से विफल कर खुद को बचाया और पुलिस में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.

पंकज सेमवाल
उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल के पंकज सेमवाल ने वीरता प्रदर्शन करते हुए अपनी मां को तेंदुए के हमले से बचाया था.

समृद्धि सुशील शर्मा
घर में घुसे चोर से जोरदार मुकाबला करने के लिए इन्हें वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. गुजरात की निवासी समृद्धि ने अपनी सूझबूझ और वीरता से चोर को तो भगा दिया लेकिन खुद पर काफी चोटे आई थी.Y

जानुनतुआंगा
मिजोरम के जानुनतुआंगा अपने पिता की जान बचाई थी. जानुनतुआंगा के पिता सब्जियां लेने जंगल में जा रहे थे तभी भालू ने उनके ऊपर हमला कर दिया. जानुनतुआंगा ने अपनी वीरता का परिचय देते हुए उनकी जान बचाई थी.

यह पुरस्कार पाने वाले अन्य बहादुर बच्चे नगालैंड निवासी कुमारी मनशा एन (13), 18 वर्षीय मास्टर एन शेंगपॉन कोनयक, मास्टर योकनेई और चिंगई वांग्सा, महाराष्ट्र के 17 वर्षीय नदाफ इजाज अब्दुल रॉफ, मणिपुर के लोकराकपाम राजेश्वरी चनु (14) और ओडिशा के 14 वर्षीय पंकज कुमार महंत हैं.

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Aanchal Pandey

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