NASA To Support ISRO Chandrayaan 2 Mission, ISRO Ko Mila NASA KA Sath: भारत के चंद्रयान 2 मिशन के विक्रम लैंडर से चांद की सतह पर उतरने से महज 2.1 किलोमीटर पहले ही संपर्क टूट जाने से भले ही भारतीय वैज्ञानिकों को निराश हुई हो. लेकिन चंद्रयान 2 मिशन के लिए दुनियाभर में इसरो की तारीफ की जा रही है. नासा, यूएई एजेंसी इसरो के काम की प्रशंसा कर रहे हैं.
नई दिल्ली. अमेरीकी स्पेस एजेंसी नासा ने इसरो के भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) के चंद्रयान-2 मिशन की प्रशंसा की और साथ ही भविष्य में इसरो के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई है. नासा ने ट्विट कर लिखा कि अंतरिक्ष कठिन है. हम चांद के दक्षिणी ध्रुव पर इसरो के चंद्रयान-2 मिशन को उतारने के प्रयास की सरहाना करते हैं. आपकी यात्रा से हमें प्रेरणा मिली है. उम्मीद करते हैं कि भविष्य में आपके साथ सौर मंडल के अध्ययन पर काम करने का मौका मिले.
यूनाइटेड अरब अमीरान की स्पेस एजेंसी ने भी ट्वीट कर इसरो के काम की सरहाना की है और भारत को स्पेस सेक्टर का अहम खिलाड़ी कहा. एजेंसी ने ट्वीट में लिखा कि चंद्रयान 2 के विक्रम लैंडर, जिसे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड कराना था लेकिन संपर्क टूट गया. हम इसरो को अपने पूरे सहयोग का आश्वासन देते हैं. भारत अंतरिक्ष के भारत क्षेत्र में एक रणनीतिक खिलाड़ी साबित हुआ और इसके विकास और उपलब्धियों में भागीदार है.
गौरतलब है कि चंद्रमा की सतह से सिर्फ 2.1 किमी की दूरी पर विक्रम का इसरो से संपर्क टूट गया. हालांकि सभी लोग इसरो के इस काम की प्रशंसा कर रहे हैं और भारत के अंतरिक्ष वैज्ञामिकों की तारीफ कर रहे हैं. प्रधानमंत्री ने भी उन्हें हौसला देते हुए कहा कि- जीवन में उतार चढ़ाव आते रहते हैं. मैं हमेशा आपके साथ हूं. शनिवार शाम को डीडी न्यूज के दिए इंटरव्यू में इसरो के प्रमुख सिवान ने चंद्रयान 2 का ऑर्बिटर एक साल तक काम करेगा. हामरे पास ऑर्बिटर के लिए अतिरिक्त ईधन है, जिससे उसे करीब डेढ़ साल तक चलाया जा सकेगा. ऑर्बिटर के जरिए भी विक्रम लैंडर का पताया लगाया जा रहा है.