September 20, 2024
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नर्मदा बचाओ आंदोलन कार्यकर्ता मेधा पाटकर को 5 महीने की सजा, 10 लाख का जुर्माना

  • WRITTEN BY: Anjali Singh
  • LAST UPDATED : July 1, 2024, 8:49 pm IST

Social Activist: दिल्ली की साकेत कोर्ट ने नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख कार्यकर्ता और समाज सेविका मेधा पाटकर को मानहानि के मामले में 5 महीने की जेल की सजा सुनाई है। इस फैसले में साकेत कोर्ट ने पाटकर पर 10 लाख रुपये का मुआवजा भी निर्दिष्ट किया है, मेधा पाटकर पर तत्कालीन KVIC चेयरमैन वीके सक्सेना (अब दिल्ली के LG) द्वारा दायर मानहानि के मामले पर सुनवाई हुई है।

विवाद का संक्षिप्त परिचय

मेधा पाटकर, जो नर्मदा बचाओ आंदोलन (NBA) की अगुआई करती हैं, इस फैसले से गुहार लगा रही हैं कि वे न्यायप्रियता की मांग करती हैं और अपने कार्य में सच्चाई और समर्पण का प्रतीक हैं। उन्होंने फैसले के खिलाफ आपत्ति जाहिर की है, जिसमें उन्होंने अदालत के फैसले को चुनौती भी दी है।

विवादित मामला

इस मामले की शुरुआत उन दिनों हुई थी, जब पाटकर ने डीएलएसए विरुद्ध एक विज्ञापन प्रकाशित किया था, जिसमें उन्होंने वीके सक्सेना और डीएलएसए के कई अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। इस पर सक्सेना ने न्यायिक कार्यवाही की मांग की थी, जिसके बाद मेधा पाटकर पर मानहानि के आरोपों में मुकदमा दायर किया गया था।

कोर्ट का फैसला और प्रतिक्रिया

साकेत कोर्ट ने अपने फैसले में मेधा पाटकर के खिलाफ आरोपों को सही साबित करते हुए उन्हें 5 महीने की जेल की सजा सुनाई है, जो सजा 30 दिनों के लिए सस्पेंड की गई है। उन्हें 10 लाख रुपये का मुआवजा भी देने का निर्देश दिया गया है, जिसे पाटकर को डीएलएसए को भुगतना होगा।

फैसले के बाद मेधा पाटकर ने व्यक्तिगत रूप से अपने पक्ष का समर्थन जताया है, कहते हुए कि “सत्य कभी पराजित नहीं हो सकता। हमने किसी को बदनाम करने की कोशिश नहीं की, हम सिर्फ अपना काम करते हैं।”

न्याय की ओर अग्रसर

मेधा पाटकर और उनके प्रशंसक इस फैसले को न्यायपूर्वक मानते हैं, जबकि अन्य लोग इसे विवादास्पद और राजनीतिक रूप से अवांछनीय मानते हैं। इस मामले में आगे की कार्रवाई के लिए अब वकीलों और अदालती प्रक्रिया का इंतजार है। दिल्ली के न्यायिक समीक्षा प्रणाली की जांच की जाती है, जो न्यायपालिका के महत्वपूर्ण कार्यों को दर्शाती है और न्याय की प्रक्रिया में स्पष्टता और स्थिरता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।

 

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