देश-प्रदेश

सरकारी नौकरियों में प्रोमोशन में एससी-एसटी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में दलित-आदिवासियों के समर्थन में नरेंद्र मोदी सरकार

नई दिल्लीः सरकारी नौकरियों में प्रोमोशन यानी पदोन्नति में दलितों और आदिवासियों यानी एससी-एसटी के आरक्षण का नरेंद्र मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में समर्थन किया है. सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पांच जजों की संविधान पीठ सरकारी नौकरियों में प्रोमोशन में रिजर्वेशन के संवैधानिक पहलुओं पर सुनवाई कर रही है जिसमें केंद्र सरकार का प्रोमोशन में एससी-एसटी आरक्षण को समर्थन बड़ा अहम साबित होगा.

सरकारी नौकरियों में प्रोमोशन में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ में शुक्रवार को सुनवाई शुरू हुई है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ में जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस इंदू मल्होत्रा शामिल हैं. संविधान पीठ सरकारी नौकरियों की पदोन्नति में ‘क्रीमी लेयर’ के लिए एससी-एसटी आरक्षण के मुद्दे पर अपने 12 साल पुराने फैसले की समीक्षा कर रही है. पीठ इस बात पर भी विचार कर रही है कि इस मुद्दे पर सात जजों की पीठ को पुनर्विचार करने की जरूरत है या नहीं.

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में केंद्र सरकार से पूछा कि एससी-एसटी आरक्षण के मुद्दे पर उसे अपने 12 साल पुराने फैसले की समीक्षा की जरूरत क्यों है. केंद्र सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल ने कहा कि 12 साल पुराने 2006 के नागराज का फ़ैसला SC/ ST के प्रमोशन में आरक्षण में बाधक बन रहा है. AG ने कहा कि जब एक बार उन्हें SC/ ST के आधार पर नौकरी मिल चुकी है तो फिर प्रमोशन में आरक्षण के लिए दोबारा डाटा की क्यों जरूरत है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 2006 के नागराज के फ़ैसले के मुताबिक SC/ ST को प्रमोशन में आरक्षण सरकार तभी दे सकती है जब डाटा के आधार पर ये तय हो कि उनका प्रतिनिधित्व कम है और वो प्रशासन की मजबूती के लिए आवश्यक है. इस पर AG ने कहा कि वो 1000 सालों से हाशिए पर हैं.

AG ने कहा कि हम ये कैसे तय करेंगे कि उनका प्रतिनिधित्व कम है. क्या ये हर पद के आधार पर होगा या फिर विभाग के हिसाब से? या पूरे विभाग को मानक माना जायेगा. केंद्र सरकार ने कहा कि साल में होने वाले प्रमोशन में SC/ ST कर्मचारियों को 22.5 फ़ीसदी आरक्षण मिलना चाहिए जैसा प्रावधान नौकरी के लिए है. ऐसा करने से ही उनके प्रतिनिधित्व की कमी की भरपाई हो सकती है. केंद्र सरकार ने कहा कि प्रोमोशन देने के समय SC/ ST वर्ग के पिछड़ेपन का टेस्ट नहीं होना चाहिए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इंद्रा साहनी के फैसले में कहा था कि पिछड़ापन SC/ ST पर लागू नहीं होता क्योंकि उनको पिछड़ा माना ही जाता है.

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि SC/ ST को जो आरक्षण दिया गया है उसकी सच्चाई यही है कि वो 1000 सालों से मुख्यधारा में आने से वंचित रहे हैं. सच्चाई ये है कि अभी भी उनके साथ अत्याचार हो रहा है. अटॉर्नी जनरल ने हाल में ही दलित युवक के घोड़े पर सवार होकर शादी के लिए जाने पर ऊंची जातियों के लोगों के अत्याचार का उदाहरण देते हुए कहा कि उनको प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए.

यह भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट में बोली नरेंद्र मोदी सरकार- नहीं करेंगे सोशल मीडिया की निगरानी, वापस लिया प्रस्ताव

आर्थिक आधार पर आरक्षण देने का फैसला ले नरेंद्र मोदी सरकार, सुप्रीम कोर्ट ने दखल से किया इनकार

 

Aanchal Pandey

Recent Posts

2 लाख दो नहीं तो अंजाम भुगतो…अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को मिली बम से उड़ाने की धमकी, ईमेल के जरिए मांगे पैसे

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से एक हैरान कर देने वाला मामलाा सामने आया है, जहां…

3 minutes ago

आज है साल की पहली पुत्रदा एकादशी, जानें इस दिन का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है और साल 2025 की पहली एकादशी…

7 minutes ago

LGBTQ+ कम्युनिटी को लगा बड़ा झटका, कोर्ट ने समलैंगिक शादी को कानूनी मान्यता देने वाली याचिकाएं खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बहुमत के फैसले में रिकॉर्ड पर कोई गलती नहीं पाई…

32 minutes ago

इन जातकों को मिलेगी माँ लक्ष्मी की कृपा, राशि में बन रहे धन लाभ के योग, आर्थिक स्थिति में होगा सुधार

आज का दिन कुछ राशियों के लिए विशेष लाभदायक साबित हो सकता है। माँ लक्ष्मी…

32 minutes ago

तालिबान के आगे टिक नहीं पाएगी शहबाज की सेना, iTV सर्वे में लोग बोले- अब पाकिस्तान का टूटना तय!

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के लड़ाके इस वक्त पाकिस्तान में खूब बवाल काट रहे हैं। टीटीपी…

3 hours ago

छोटे लिंग के पुरुषों के लिए अच्छी खबर! होंगे ये पांच फायदे, पढ़े पूरी जानकारी

आमतौर पर लोगों को लगता है कि बड़े लिंग वाले पुरुष ज्यादा आकर्षक और सेक्स…

4 hours ago