Narendra Modi India Xi Jinping China Varanasi Meet: अहमदाबाद में साबरमती के बाद अब वाराणसी में गंगा किनारे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से अक्टूबर में मिलेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी!

Narendra Modi India Xi Jinping China Varanasi Meet: भारत और चीन के बीच अनौपचारिक बैठकों की कड़ी में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगली मुलाकात पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में हो सकती है. इस मुलाकात के 11 अक्टूबर को होने की संभावना है. भारतीय पक्ष ने चीनी पक्ष को निमंत्रण भेज दिया है जिस पर चीन की तरफ से सकारात्मक जवाब आने की उम्मीद है.

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Narendra Modi India Xi Jinping China Varanasi Meet: अहमदाबाद में साबरमती के बाद अब वाराणसी में गंगा किनारे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से अक्टूबर में मिलेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी!

Aanchal Pandey

  • May 29, 2019 1:23 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अगली अनौपचारिक बैठक बनारस में हो सकती है. 11 अक्टूबर को होने वाली इस बैठक के लिए चीनी राष्ट्रपति भारत आएंगे. भारत और चीन के बीच पहली अनौपचारिक बैठक पिछले साल 27-28 अप्रैल को चीन के वुहान शहर में हुई थी. यहां झील किनारे एक गेस्ट हाउस में प्रधानमंत्री मोदी दो दिनों तक चीनी राष्ट्रपति के मेहमान थे. सूत्रों के मुताबिक चीन को यह प्रस्ताव भेज दिया गया है और चीनी शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि बहुत जल्द इस प्रस्ताव पर सहमती बन सकती है. आपको वो तस्वीरें याद ही होंगी जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपनी पत्नी के साथ भारत आए थे तो गुजरात के साबरमती नदी के किनारे झूला झूलते नजर आए थे. पीएम मोदी और प्रेसिडेंट जिनपिंग के आपसी संबंध काफी बेहतर हैं.

भारत और चीन ने अनौपचारिक बैठकों की कड़ी में अब तक मोदी और जिनपिंग की तीन मुलाकातें हो चुकी हैं. गौरतलब है कि वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है. वो लगातार दूसरी बार यहां से सांसद चुने गए हैं. काशी का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी भारत में बहुत है. काशी को सबसे प्राचीन नगरी माना जाता है. धार्मिक और सांस्कृतिक तौर पर यह शहर भारत की विरासत को समेटे हुए है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीनी राष्ट्रपति को भारत के सॉफ्ट पावर से वाकिफ कराना चाहते हैं. भारत और चीन के बीच आपसी संबंध भी इन अनौपचारिक मुलाकातों के बाद काफी बेहतर हुए हैं. डोकलाम विवाद को सुलझाने में भी पीएम मोदी और प्रेसिडेंट जिनपिंग के बेहतर रिश्तों ने अहम भूमिका अदा की थी.

पड़ोसी देशों से संबंध बेहतर करने का मंत्र- नेबर फर्स्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी विदेश नीति में ‘नेबर फर्स्ट’ यानी पड़ोसी पहले का नारा दिया है. 2014 में प्रधानमंत्री पद के शपथग्रहण में मोदी ने BRICS देशों के प्रमुखों को निमंत्रण दिया था वहीं 2019 के शपथग्रहण में बिम्सटेक देशों के प्रमुखों को आमंत्रण दिया गया है. भारत और चीन के संबंधों में बेहतरी आने का कारण हाल ही में आतंकी मसूद अजहर पर चीन का आखिरकार उसे अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित करने की राह में लगातार रोड़ा अटकाता रहा. हाल ही में चीन ने टैक्निकल होल्ड को हटाते हुए जैश ए मोहम्मद चीफ मसूद अजहर को यूएनएससी 1267 के तहत अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित किया है. सूत्रों के मुताबिक भारत और चीन के संबंधों की प्रगति पर भी दोनों राष्ट्रप्रमुखों समीक्षा करेंगे. वुहान समिट के बाद से भारत और चीन ने आपसी संबंधों को सुधारने की दिशा में क्या कदम उठाए हैं और आगे क्या कदम उठाए जाने चाहिए इस पर भी वाराणसी में चर्चा हो सकती है.

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