Narendra Modi Govt Snooping Order: जानिए नरेंद्र मोदी सरकार के उस आदेश का मतलब जिसमें, घर में घुसकर जांच एजेंसियां कंप्यूटर सकती हैं चेक

Narendra Modi Govt Snooping Order: हाल ही में आए एक आदेश के मुताबिक 10 केंद्रिय एजेंसियों को देश में किसी के भी कंप्यूटर से डाटा मांगने की इजाजत मिल गई है. ये आदेश केंद्रिय गृह मंत्रालय ने दिए हैं. साथ ही कहा गया कि इस मांग को मना करने पर व्यक्ति को 7 साल की जेल हो सकती है. इसे निजता के अधिकार का हनन बताया जा रहा है. जानिए एक ग्राहक के तौर पर इस फैसले का क्या मतलब होगा?

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Narendra Modi Govt Snooping Order: जानिए नरेंद्र मोदी सरकार के उस आदेश का मतलब जिसमें, घर में घुसकर जांच एजेंसियां कंप्यूटर सकती हैं चेक

Aanchal Pandey

  • December 21, 2018 3:03 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. केंद्रिय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को एक आदेश दिया है जिसके तहत 10 केंद्रिय एजेंसियों को देशभर में किसी के भी कंप्यूटर में मौजूद डाटा की मांग करने की इजाजत मिल गई है. इस आदेश के बाद इन एजेंसियों की डाटा की मांग को ठुकराए जाने पर व्यक्ति को 7 साल की जेल हो सकती है. ये आदेश केंद्रिय मंत्रालय की साइबर एंड इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी डिवीजन ने दिए हैं. इस आदेश में इंटेलिजेंस ब्यूरो, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर टैक्सेज, डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस, सीबीआई, एनआईए, कैबिनेट सेक्रेटेरिएट (रॉ), डायरेक्टोरेट ऑफ सिग्नल इंटेलिजेंस (जम्मू-कश्मीर, नॉर्थ-ईस्ट और असम के लिए) और दिल्ली पुलिस को इजाजत दी गई है. लेकिन इसमें एक अहम सवाल है कि इस आदेश का एक आम इंसान या यूजर के लिए क्या मतलब है?

बता दें कि इस आदेश के बाद इनमें से कोई भी एजेंसी किसी भी तरह के डाटा को किसी से भी मांग सकती है जो देश में किसी भी कंप्यूटर पर मौजूद है. हालांकि इस आदेश में कंप्यूटर की परीभाषा नहीं है लेकिन इसमें पर्सनल कंप्यूटर, डेस्कटॉप, लैपटॉप, टैबलेट, स्मार्टफोन और यहां तक की किसी भी तरह के डाटा स्टोरेज डिवाइस भी शामिल किए जा सकते हैं. इन एजेंसियों के पास किसी भी तरह का डाटा किसी भी समय मांगने का हक है. चाहे वो डाटा एनक्रिप्टेड ही क्यों न हो. ये आदेश इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 के सेक्शन 69 (1) के तहत दिए गए हैं.

इसके अनुसार डाटा के लिए मना करने वाले व्यक्ति को 7 साल की जेल होगी. साथ ही इस सेक्शन में कहा गया है कि किसी के कंप्यूटर पर डेटा तक पहुंचने की आवश्यकता भारत की संप्रभुता या अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा, विदेशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों के हित में है. इसके लिए किसी भी कंप्यूटर में मौजूद जानकारी को पाने, निगरानी करने या डिक्रिप्ट करने के लिए किसी भी एजेंसी को लिखित रूप में कारण दर्ज देना होगा. अभी इस आदेश में ये निर्धारित नहीं किया गया है कि इसमें किस तरह के डाटा को शामिल किया जा रहा है या डाटा का मतलब क्या है? या कौन सा डाटा देश के हित में नहीं होगा? वहीं आदेश या सेक्शन में कहीं भी ये नहीं लिखा है कि इससे जुड़ी एजेंसी या सरकार किसी भी डाटा को बिना यूजर की इजाजत के हासिल कर सकती हैं.

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