Narendra Modi Govt on Rafale Deal: सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को राफेल डील मामले में पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई करेगा. कोर्ट में हलफनामा दायर कर केंद्र सरकार ने कहा कि राफेल पुनर्विचार याचिका मामले में याचिकाकर्ताओं ने जो दस्तावेज अटैच किए हैं वे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बेहद संवेदनशील हैं और ये युद्ध में काम आने वाले लड़ाकू विमान से जुड़े हैं.
नई दिल्ली. राफेल डील मामले में पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को सुनवाई करेगा. नरेद्र मोदी की अगुआई वाली केंद्र सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा कि राफेल पुनर्विचार याचिका मामले में याचिकाकर्ताओं ने जो दस्तावेज अटैच किए हैं वे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बेहद संवेदनशील हैं और ये युद्ध में काम आने वाले लड़ाकू विमान से जुड़े हैं.
रक्षा मंत्रालय ने हलफनामे में कहा, संवेदनशील राफेल दस्तावेज की फोटोकॉपी केंद्र की इजाजत के बिना की गई है. लिहाजा ऐसे दस्तावेजों को चुराने से अन्य देशों के साथ संप्रभुता, सुरक्षा और मैत्रीपूर्ण संबंध पर बुरा असर पड़ा है. एफिडेविट में कहा गया कि अब यह मामला आंतरिक जांच का विषय है, जो 28 फरवरी को शुरू हो चुकी है .याचिकाकर्ताओं ने रक्षा मंत्रालय से रक्षा सौदे से जुड़ी गोपनीय फाइलों की फोटोकॉपी कराई या चोरी की.
यह कृत्य सौदे के प्रावधानों और गोपनीयता के वादों व शर्तों का उल्लंघन है और अपराध भी. मंत्रालय ने कहा, अखबारों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर जो गोपनीय जानकारी और दस्तावेज डाले गए हैं, उससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है. सोशल मीडिया के जरिए यह जानकारी हमारे दुश्मन देशों को भी सहज उपलब्ध है.
इससे पहले सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि राफेल से जुड़े अहम दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी हो गए हैं. अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा, ये वही दस्तावेज हैं, जो मीडिया में दिखाए गए और 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा 14 दिसंबर को सरकार को दी गई क्लीन चिट को वापस लेने की मांग करने के लिए याचिकाकर्ताओं ने इन्हीं का हवाला दिया है.
अटॉर्नी जनरल ने आईएनटी के तीन सदस्यों की टिप्पणी के संदर्भ में अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ में छपी खबर का जिक्र करते हुए कहा कि इसकी जांच हो रही है. उन्होंने अखबार में छपी इस खबर पर आपत्ति दर्ज कराई. इस पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने पूछा कि अगर खबर दस्तावेजों के आधार पर छपी तो सरकार ने 8 फरवरी को इस स्टोरी के छपने के बाद क्या कार्रवाई की. हालांकि बाद में केके वेणुगोपाल ने कहा कि दस्तावेज चोरी नहीं हुए बल्कि उनकी फोटोकॉपी लीक हुई है.